नई दिल्ली: देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कहा कि 20वीं शताब्दी में सूचना समावेश और तकनीकी विकास की वजह से युद्ध के चरित्र और प्रकृति में गहरा बदलाव देखा गया है। नए उपकरण और रणनीति को लोगों से तेजी से जोड़ने के लिए नियोजित किया जा सकता है, जैसा कि पहले कभी नहीं हुआ। कॉन्फ्रेंस में CDS रावत ने कहा कि, भारत एक जटिल सुरक्षा और चुनौतीपूर्ण वातावरण से जूझ रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति, उच्च रक्षा रणनीतिक मार्गदर्शन, उच्च रक्षा और संचालन संगठनों में संरचनात्मक सुधारों को परिभाषित करना कुछ ऐसे अहम कदम हैं, जिसे हमें उठाने की जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि, 'भारतीय सेना विश्व की किसी भी अन्य सेना की तुलना में ज्यादा चुनौतियों का सामना करती है और इसलिए युद्ध के स्पेक्ट्रम को पूरा करने के लिए अन्य देशों में अपनाई गई परिवर्तन अवधारणाओं का अध्ययन करने की जरुरत है।' जनरल बिपिन रावत ने आगे कहा कि, देश की नीति के एक साधन के रूप में सैन्य शक्ति को विभिन्न स्तरों पर परिवर्तन की आवश्यकता है, जिसमें जमीनी रणनीतिक यानी राजनीतिक-सैन्य, रणनीतिक संचालन और सामरिक स्तर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के प्रमुख आयाम सिद्धांत, पद संरचना, प्रौद्योगिकी, जीविका और तत्परता हैं। बंगाल में 'हिन्दू वोटों' के लिए जंग तेज़, महाशिवरात्रि पर ममता भरेंगी नामांकन केरल चुनाव: वायनाड से 4 कांग्रेस नेताओं ने दिया इस्तीफा, हाल ही में राहुल गांधी ने किया था दौरा बिहार विधानसभा में बोले तेजस्वी- 'मेरा तो जन्म ही चपरासी फ्लैट में हुआ है...'