कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कई वैज्ञानिक दिन रात काम कर रहे है. वही, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रोटोकॉल के तहत सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने कोरोना वायरस के मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी के क्लिनिकल ट्रायल में रुचि दिखाने वाले संस्थानों को हरी झंडी दे दी है. आईसीएमआर ने इस क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने के लिए विभिन्न संस्थाओं को न्योता दिया था. ऑनलाइन पूजा को लेकर तीर्थ पुरोहितों ने कही ऐसी बात इस मामले को लेकर कोविड-19 रोगियों में कान्वलेसन्ट प्लाज्मा के क्लिनिकल ट्रायल के बारे में एक नोटिस में सीडीएससीओ ने बताया कि आईसीएमआर ने सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन को उन सभी संस्थानों की सूची दी है, जिन्होंने ट्रायल के संचालन में रुचि दिखाई है. भयानक हादसे का शिकार हुआ पूरा परिवार, बच्चों ने अस्पताल में ही तोड़ दिया दम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अगर इसका क्लिनिकल ट्रायल सफल होता है तो कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के रक्त प्लाज्मा से कोरोवा वायरस से पीड़ित अन्य मरीजों का उपचार किया जा सकेगा. संक्रमण से उबर चुके मरीजों के खून को नए मरीज के खून में डालकर शरीर में मौजूद वायरस को खत्म किया जाता है. मादा गुलदार ने राजस्थान के खाली घर को बनाया अपना ठिकाना, वायरल हुआ वीडियो लॉकडाउन में बैंक मैनेजर को लिफ्ट देना पड़ गया भारी, दोनों पर केस आगरा में बढ़ी संक्रमितों की संख्या, 24 नए मामले हुए दर्ज