चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने कब्रिस्तान को भी नहीं छोड़ा, कहा- हमने कराया बाउंड्री का निर्माण

देश के राज्य बिहार में सियासी हलचल तेज है. चुनाव के लिए पार्टियां मैदान में आ चुकी हैं. COVID-19 वायरस महामारी का दौर है, लिहाजा खुला मैदान नहीं हैं. डायरेक्ट जनसंपर्क की जगह ऑनलाइन रैलियां की जा रही हैं. इसी प्रक्रिया में सोमवार को जेडीयू अध्यक्ष तथा बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली का आगाज किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने 15 वर्ष के कार्यो का गुणगान किया, साथ-साथ नीतीश कुमार ने कब्रिस्तान की बाउंड्री का भी नाम लिया. 

इस रैली के मध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ये बता रहे थे कि कैसे उन्होंने बीते 15 वर्ष में बिहार की पूरी तस्वीर परिवर्तित कर दी है. लॉ व्यवस्था से लेकर एजुकेशन, हेल्थ, सड़क तथा बिजली के स्थान में कार्य किए गए हैं. इसी प्रक्रिया में नीतीश कुमार ने धार्मिक सीमाओं से आगे जाकर लोगों की भलाई में कार्य करने की भी बात कही. साथ ही नीतीश कुमार ने कहा, ''हमलोगों ने बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव का कार्य किया है. हमने कब्रिस्तान की घेराबंदी का काम किया है. हमने 8064 कब्रिस्तान चयनित किए, तथा इनमें से 6299 की घेरेबंदी करा दी गई है.''

साथ ही कब्रिस्तान के अतिरिक्त नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कुछ और कामों का भी बखान किया. उन्होंने बताया, ''हमने अल्पसंख्यक रोजगार रणनीति का आरम्भ किया. भागलपुर दंगा प्रभावित लोगों को 5000 पेंशन दी. मदरसों के विकास पर कार्य किया. प्रदेश के विद्यालयों में उर्दू शिक्षा व उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति पर काम किया.'' इसके साथ-साथ नीतीश कुमार ने ये भी बताया कि टेम्पल्स की सिक्योरिटी के लिए भी बाउंड्री कराई गई है. इसी के साथ नीतीश ने अपनी बात कही है. 

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