'रंगून' के एक-दो नहीं इतने सीन से अपसेट हुआ सेंसर बोर्ड

अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'रंगून' में एक-दो नहीं, बल्कि 90 फीसदी दृश्यों से सेंसर बोर्ड के सदस्य नाराज हैं। इस फिल्म को विशाल भारद्वाज ने डायरेक्ट किया है। शहीद कपूर और कंगना रनौत स्टारर इस फिल्म की कहानी पुराने दौर की है। डायरेक्टर विशाल भारद्वाज का कहना है कि उनकी फिल्म 'रंगून' 1940 के दौर की कहानी है। 

यही वजह है कि डायरेक्टर ने फिल्म को सेंसर बोर्ड के उन नियमों से छूट मिलने की बात बोली जिसमें धूम्रपान के सीन्स पर चेतावनी दी जाती है।

असल में फिल्म 'रंगून' उस दौर की है, जब हर जश्न और पार्टी में शराब और नशीले पदार्थों का इस्तेमाल खुलेआम होता था। यही कारन है कि विशाल की इस फिल्म में ज्यादातर सीन में कहीं न कहीं या तो शराब नजर आती है या फिर नशीली चीजों की खरीद-फरोख्त से जुड़े सीन दिखाई देते है। 

इसी कारण अब सेंसर बोर्ड ने विशाल भारद्वाज से कहा है कि वह अपनी फिल्म में शुरुआत से लेकर आखिर तक स्क्रीन पर धूम्रपान और नशीली चीजों के सेवन खिलाफ चेतावनी को दिखाए। साथ ही कुछ सीन को अपनी फिल्म से हटाएं। सेंसर के इस रवैये से शाहिद कपूर भी नाराज़ हैं।

इस मामले में शाहिद का कहना है कि 1940 के दशक में स्मोकिंग एक फैशन माना जाता था। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग उस दौर में स्मोकिंग के साथ ड्रग्स की बुरी लत में जकड़ा हुआ था। यही वजह है कि स्मोकिंग और ड्रग्स वाले कुछ सीन्स को 'रंगून' का हिस्सा बनाना पड़ा। 

फिलहाल, सेंसर बोर्ड ने अब यह फैसला खुद डायरेक्टर विशाल पर छोड़ दिया है कि या तो वह ऐसे सीन को फिल्म से हटाए या फिर वैधानिक चेतावनी के साथ इन सीन को फिल्म में रखे।

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