नई दिल्लीः केंद्र कैबिनेट की बैठक में एफडीआई को लेकर बड़े फैसले लिए गए। सरकार की मंशा विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है। ताकि निवेश के मौके बढ़ें। सरकार ने सरप्‍लस स्‍टॉक को देखते हुए शुगर एक्‍सपोर्ट पॉलिसी को 2019-20 के सीजन के लिए मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लगभग 60 लाख टन चीनी का एक्‍सपोर्ट चालू वित्‍त वर्ष में किया जाएगा।जावड़ेकर ने यह भी बताया कि गन्ना किसानों को 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी और शुगर एक्‍सपोर्ट सब्सिडी की राशि को सीधे किसानों के अकाउंट में डाला जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रीमंडल की बैठक में डिजिटल मीडिया में भी 26 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दी गई। डिजिटल मीडिया में विदेशी निवेश से इस क्षेत्र के विस्तार के साथ नए नौकरी के अवसर भी आएंगे। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ज्यादा से अधिक एफडीआई लाने की कोशिश कर रही है। कोल माइनिंग के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई पर फैसला हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते 5 सालों में FDI पर विशेष बल दिया है, जिसके कारण पिछ्ले 5 वर्षों में 286 बिलियन डॉलर का एफडीआई भारत में आया है। गोयल ने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग में 100 फीसद FDI की भी बात कही। इसके अलावा डिजिटल मीडिया में 26 फीसद एफडीआई को मंजूरी दी गई है। प्रेस कांफ्रेंस में गोयल ने कहा कि सिंगल ब्रांड रिटेल में FDI शर्तों में रियायत दी जाएगी। मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रांड रिटेलिंग में एफडीआई पर अनिवार्य 30 फीसद लोकल सोर्सिंग की बात कही। साथ ही बैठक में पहले ऑनलाइन स्टोर खोलने की छूट को भी मंजूरी दी गई। इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक बना देश का पहला बैंक इस कंपनी को मिली 50 हजार करोड़ के शेयर पूंजी जुटाने की मंजूरी India Ratings के मुताबिक इतना रहेगा देश का विकास दर