नई दिल्लीः देश में इन दिनों चल रहे मंदी की सबसे तगड़ी मार ऑटो सेक्टर पर पड़ी है। बिक्री कम होने के कारण केपनियों ने उत्पादन पर लगभग रोक लगा दिया है। इस कारण बड़े पैमाने पर इस सेक्टर में नौकरियां गई हैं। सरकार ने इस उद्योग को राहत देने के लिए कई तरह के राहत उपायों की घोषणा की है। सरकार ने सरकारी वाहन खरीदने पर लगी रोक को हटा दिया है। साथ ही आज से लेकर मार्च, 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त अवमूल्यन की अनुमति दी गई है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मार्च, 2020 तक खरीदे गए भारत चरण- चार वाहनों को उनकी पंजीकरण की पूरी अवधि तक चलाया जा सकेगा। केंद्र सरकार के विभागों द्वारा पुराने वाहनों के बदले नए वाहनों की खरीद पर लगी रोक हटाएगा। इसके अलावा मांग प्रोत्साहन के लिए पुराने वाहनों को कबाड़ करने की नीति भी लाई जाएगी। सीतारमण ने बताया कि इसके साथ ही बिजली चालित वाहनों के साथ साथ पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन (आईसीवी) से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण जारी रहेगा। सरकार सहायक उपकरणों-कलपुर्जों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। इनमें निर्यात के लिए बैटरियां भी शामिल हैं। उद्योग सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग करता रहा है। इसमें वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती भी शामिल हैं। अब करीब एक साल से वाहन उद्योग की बिक्री का आंकड़ा लगातार नीचे आ रहा है। और नौकरियां भी इसी स्पीड में जा रही हैं। पेट्रोल और डीजल के बढ़े दाम, जानें नई कीमत मारुति ने वाहन उद्योग के भविष्य पर कही यह बात BSNL-MTNL का नहीं होगा मर्जर, सरकार ने किया फैसला