नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली के विधायकों के वेतन में 400 फीसदी वृद्धि किये जाने की योजना पर केंद्र सरकार ने फ़िलहाल असहमति जाहिर कर ये बिल दिल्ली सरकार को वापस लौटाते हुए इस मुद्दे पर उससे और विस्तृत जानकारी मांगी है. बता दें कि केजरीवाल सरकार, केंद्र सरकार पर जानबूझकर इस बिल को लटकाने का आरोप लगाती रही है. गौरतलब है कि केजरीवाल सरकार के इस प्रस्तावित बिल में विधायकों के मूल वेतन को 12 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने तथा उनका कुल मासिक पैकेज 80 हजार से बढ़ाकर 2.1 लाख करने का प्रावधान किया था लेकिन केंद्र सरकार ने इसे हरी झंडी नहीं देते हुए फिर एक बार इसे वापस दिल्ली सरकार को भेज दिया है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस बिल को दिसंबर 2015 में विधानसभा में पारित कराया था. उस समय उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि तमाम आलोचनाओं और बहसों से अलग यह एक व्यवहारिक निर्णय होगा. यह विधायकों के गौरव के लिए जरूरी है. हम भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे, लेकिन विधायकों के लिए काम करने लायक स्थिति बनानी होगी, लेकिन लगता है कि केंद्र दिल्ली सरकार के इस तर्क से सहमत नहीं है. यह भी पढ़ें सुप्रीम कोर्ट ने मामला सौपा संविधान पीठ को केजरीवाल के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी के खिलाफ मुकदमा चलाने की CBI को मंजूरी