खाली हो रहा सरकारी खज़ाना, RBI से 45 हज़ार करोड़ मांगेगी केंद्र सरकार !

नई दिल्ली: देश अर्थव्यवस्था बेहद मंदी के दौर से गुजर रहा है. इस मंदी के बीच केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से 45 हजार करोड़ की सहायता मांग सकती है. यह दावा न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स ने किया है. रॉयटर्स की खबर के अनुसार, सरकार राजस्‍व बढ़ाने के लिए ये कदम उठा सकती है. यदि ऐसा होता है तो एक बार फिर आरबीआई और सरकार में मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं.

बता दें कि रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को लाभांश (डिविडेंड) के रूप में 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की बात कही थी. इस राशि में से वर्तमान वित्त वर्ष (2019-20) के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे. रिपोर्ट के अनुसार, RBI मोटे तौर पर करंसी और सरकारी बॉन्ड के ट्रेडिंग से मुनाफा अर्जित करती है. इन कमाई का एक हिस्सा RBI अपने परिचालन और आपातकाल फंड के रूप में रखती है. इसके बाद बची हुई रकम डिविडेंड के रूप में सरकार के पास जाती है.

रॉयटर्स को एक अधिकारी ने बताया है कि चालू वित्त वर्ष बेहद मुश्किल है. इस वर्ष आर्थिक सुस्ती के चलते विकास दर 11 वर्षों के सबसे निचले स्तर (पांच फीसदी) पर जा सकती है. ऐसे में RBI से मिली वित्तीय सहायता से सरकार को राहत मिल सकती है. सूत्र ने कहा कि, "हम RBI से सहायता को एक नियमित चीज नहीं बनाना चाहते हैं, किन्तु इस साल को अपवाद माना जा सकता है."  

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