नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (23 दिसंबर) को वन रैंक वन पेंशन के रिवीजन को हरी झंडी दे दी है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी है कि इस योजना से पहले 20.60 लाख पेंशनरों को लाभ मिलता था। अब रिवीजन के बाद 25 लाख पेंशनर हो गए हैं। इस फैसले से सरकार पर 8500 करोड़ का बोझ पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि, '1.7.2014 के बाद सेवानिवृत्त हुए सुरक्षा कर्मियों को मिलाकर OROP के लाभार्थियों की तादाद 25,13,002 पर पहुंच गई है। 1.4.2014 से पहले यह संख्या 20,60,220 थी। इससे सरकार पर 8,450 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जिन रक्षा कार्मिकों ने 1.7.2014 के बाद अपनी इच्छा से सेवानिवृत्ति ली है, उन्हें यह लाभ नहीं मिलेगा।' केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसका लाभ परिवार पेंशनधारकों के साथ जंग में शहीद होने वाले जवानों की विधवाओं और दिव्यांग पेंशनधारकों को भी मिलेगा। ठाकुर ने कहा कि इसे एक जुलाई, 2019 से लागू कर दिया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इसके तहत जुलाई 2019 से जून 2022 तक की अवधि का एरियर या बकाया भी प्रदान किया जाएगा, जिसके मद में 23,638.07 करोड़ रुपये की राशि बनती है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा सभी रक्षा बलों से रिटायर होने वाले और परिवार पेंशनधारकों को मिलेगा। यही नहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81.3 करोड़ गरीबों को एक साल तक फ्री राशन देने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, 'सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेंहू और मोटा अनाज क्रमश: 3, 2 और 1 रुपए प्रति किलो की दर पर देती है। लेकिन, अब सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक यह पूरी तरह से निःशुल्क मिलेगा। इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा।' '2024 का चुनाव मोदी बनाम राहुल होगा..', पवन खेड़ा ने बताया कौन बनेगा पीएम ? पिछली सरकारों की 'गुलाम मानसिकता' ने हमारी महान शिक्षा प्रणाली का महिमामंडन नहीं करने दिया चाय पी रहे 3 लोगों को यूपी के दरोगा ने कुचला, दो की मौत, एक गंभीर