केंद्र सरकार की वक्फ बोर्ड पर नई सख्ती, दो अहम बिल संसद में होंगे पेश

केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में बदलाव करने के लिए संसद में दो महत्वपूर्ण बिल पेश करने वाली है। इन बदलावों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संचालन सुनिश्चित करना है।

वक्फ बोर्ड अधिनियम में 44 संशोधन

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार वक्फ बोर्ड से जुड़े दो बिल संसद में पेश करेगी। पहला बिल मुस्लिम वक्फ कानून 1923 को समाप्त करने के लिए होगा। दूसरा बिल वक्फ कानून 1995 में महत्वपूर्ण संशोधन करने के लिए है। वक्फ संशोधन बिल 2024 के तहत 44 संशोधन किए जाएंगे।

वक्फ कानून 1995 में बदलाव

सरकार ने बताया कि नए बिल में वक्फ कानून 1995 के सेक्शन 40 को हटाया जाएगा। इस धारा के तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार था। संशोधन के बाद वक्फ कानून 1995 का नाम बदलकर "एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम 1995" कर दिया जाएगा।

नई संरचना और प्रतिनिधित्व

नए संशोधनों के अनुसार, केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड में मुस्लिमों के साथ-साथ गैर-मुस्लिमों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसमें दो महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य होगा। मुस्लिम समुदाय के शिया, सुन्नी, बोहरा, और आगाखानी जैसे अन्य पिछड़े वर्गों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। वक्फ परिषद में एक केंद्रीय मंत्री, 3 सांसद, मुस्लिम संगठनों के 3 प्रतिनिधि, मुस्लिम कानून के 3 विशेषज्ञ, सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के 2 पूर्व जज, एक वकील, राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 4 लोग, और भारत सरकार के सचिव शामिल होंगे।

सर्वेक्षण और अपील की प्रक्रिया

नए कानून के अनुसार, वक्फ ट्रिब्यूनल के आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के लिए 90 दिनों का समय दिया जाएगा। वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए सर्वे कमिश्नर का अधिकार कलेक्टर या कलेक्टर द्वारा नामित डिप्टी कलेक्टर को होगा। बोहरा और आगाखानी समुदाय के लिए अलग से 'औकाफ़' बोर्ड की स्थापना की जाएगी।

पंजीकरण और दान की नई प्रक्रियाएँ

वक्फ काउंसिल किसी संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती। यदि वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को वक्फ के रूप में दर्ज करना चाहता है, तो उसे पहले सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करना होगा। यह पंजीकरण एक केंद्रीकृत वेबसाइट पर होगा और एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से सुव्यवस्थित किया जाएगा।

दान की नई शर्तें

नए संशोधनों के तहत, केवल प्रैक्टिस करने वाले मुस्लिमों को ही अपनी संपत्ति वक्फ परिषद या बोर्ड को दान करने की अनुमति होगी। दान का निर्णय केवल कानूनी मालिक ही ले सकता है। वर्तमान कानून के तहत, किसी वक्फ संपत्ति को तब तक वक्फ संपत्ति नहीं माना जा सकता जब तक कि उस पर कोई विवाद न हो, खासकर यदि यह सरकारी संपत्ति होने का सवाल हो।

विधवाओं और अनाथों के लिए सहायता

नए कानून के मुताबिक, वक्फ बोर्ड को मिलने वाले पैसे का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों के कल्याण के लिए किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं की विरासत की रक्षा की जाए और उसे सुरक्षित किया जाए।

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