नई दिल्ली: सरकारी क्षेत्रों में निजीकरण का सिलसिला जारी है। केंद्र की मोदी सरकार कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में भागीदारी बेचने की कवायद में है। अब 23 कंपनियों के नाम सामने आए हैं, इसकी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया पर काम आरंभ हो चुका है। इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट से भी हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सही वक़्त पर अपनी साझेदारी बेचना चाहती है। दरअसल, केंद्र की मोदी कैबिनेट ने कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इस कड़ी में, 23 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की एक फेहरिस्त तैयार की गई थी, जिनमे सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने का विचार कर है और समय की प्रतीक्षा कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला का कहना है कि कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी उचित कीमत पर बेची जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीतारमण ने कहा कि 22-23 सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश के लिए पहले ही कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है। ऐसे में सरकार अब इन कंपनियों में कम से कम विनिवेश की मंशा रखती है। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने इस वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 2.10 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश का टारगेट बनाया है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये PSU के विनिवेश से आएंगे और 90 हजार करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों में साझेदारी बेचकर इकठ्ठा किए जाएंगे। वेतन कटौती में इंडिगो ने किया इजाफा, अब 35 फीसद तक कटेगी सैलरी लगातार दूसरे दिन पेट्रोल डीज़ल की कीमतों में स्थिरता, कोई बदलाव नहीं ऑल टाइम हाई पर पहुंचा सोना, चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त इजाफा