नई दिल्ली: Ola और Uber से कैब बुक करने वालों की शिकायतों पर अब केंद्र सरकार ने गंभीर रुख अपना लिया है। सरकार ने दोनों कंपनियों को नोटिस भेजते हुए 15 दिन में कई सवालों जवाब देने को कहा है। दरअसल ओला और उबर से टैक्सी बुक करने वाले ज्यादातर उपभोक्ताओं की शिकायत है कि कैब के ड्राइवर्स खराब वर्ताव करते हैं। बार-बार बुकिंग कैंसिल कर देते हैं और यात्रा के दौरान AC नहीं चलाते। कस्टमर्स के हितों की सुरक्षा करने वाले रेग्यूलेटर CCPA ने Ola और Uber को नोटिस भेजा है। दोनों कंपनियों को ये नोटिस व्यापार करने के अनुचित तरीके और ग्राहकों के अधिकार के उल्लंघन के बारे में भेजा है। इसी के साथ दोनों कंपनियों पर सेवा में कोताही, ग्राहकों की शिकायतों के निवारण की पर्याप्त इंतज़ाम नहीं होने, अव्यावहारिक तरीके से कैंसलेशन चार्ज वसूलने और किराया निर्धारित करने की एल्गोरिदम में पारदर्शिता की कमी का भी इल्जाम है। Ola और Uber को इन सभी बिंदुओं पर अपना जवाब 15 दिन के अंदर दाखिल करना है। इससे पहले CCPA ने कैब एग्रीगेटर्स कंपनियों के साथ 10 मई को बैठक की थी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की कैब एग्रीगेटर्स के साथ ये दूसरी मीटिंग थी। ग्राहकों की ढेरों शिकायतें मिलने के बाद सरकार की तरफ से ये बैठक बुलाई ही थी। बैठक के दौरान सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स को बताया कि उसे कैब के किराये में अचानक इजाफा, ड्राइवर्स के AC चालू करने से इंकार करने, कैंसेलेशन और ड्राइवर्स के कैश की मांग करने से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। सरकार ने कंपनियों को दो टूक कह दिया कि उन्हें अपने सिस्टम को दुरुस्त करना होगा और अपनी सेवाओं को सुधार लाना होगा, नहीं तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीएम मोदी 26 मई को हैदराबाद में आईएसबी समारोह में शामिल होंगे गेहूं के निर्यात पर बैन में भारत सरकार ने छूट दी, मिस्र ने किया था अनुरोध भारत में थोक महंगाई ने तोड़ा 24 वर्षों का रिकॉर्ड, 15 फीसद के पार पहुंची WPI