नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वे वन और पर्यावरण मंत्री थे। उनके निधन से केवल भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि समूचे राजनीतिक, साहित्यिक, कला और अन्य क्षेत्रों के दिग्गज शोक में डूब गए। अनिल माधव दवे मध्यप्रदेश से राजनीतिक मंच का एक बड़ा व्यक्तित्व थे। अनिल माधव दवे 61 साल के थे। अनिल माधव दवे का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। वे काफी समय से बीमार थे, और एम्स में भर्ती थे। दवे 5 जुलाई 2016 में केंद्रीय मंत्री बने थे, वह मध्यप्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा थे। अनिल माधव दवे के निधन से आरएसएस के खेमे में भी शोक छा गया। अनिल माधव को शाम 4 बजे भोपाल ले जाया जाएगा, वहीं शुक्रवार शाम को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अनिल दवे का पैतृक गांव भोपाल के पास बड़नगर में है। उनके अंतिम संस्कार के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ और केंद्र सरकार के कई आला नेता मौजूद रह सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर ट्विट कर लिखा कि, मैं कल शाम को अनिल दवे जी के साथ था, उनके साथ नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था. उनका निधन मेरे लिए निजी क्षति है। PM मोदी ने कहा कि, 'दोस्त और एक आदर्श साथी के तौर पर अनिल माधव दवे जी की मौत से दुखी हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। लोक हित के काम के लिए दवे जी को याद रखा जाएगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनिल माधव दवे के निधन पर शौक जताते हुए कहा कि, 'आदरणीय श्री अनिल माधव दवे के रूप में देश ने एक सच्चा देशभक्त और माँ नर्मदा का सपूत खो दिया है। इस क्षति की भरपाई कभी न हो सकेगी। बड़े भाई, घनिष्ठ मित्र श्री अनिल माधव दवे के असामयिक निधन से स्तब्ध हूँ। यह निजी क्षति है।' कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा, 'लाखों लोगों के लिए एक प्रेरणा पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे जी की अचानक मौत ने देश को चौंका दिया। उन्हे हृदय से सादर श्रधांजलि।' An Inspiration to Millions. Sudden Demise of Environment Minister Anil Madhav Dave Ji has shocked the nation.उन्हे हृदय से सादर श्रधांजलि।