नईदिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि, अर्थव्यवस्था में अधिशेष नकदी की लागत होती है और, भारत धीरे - धीरे डिजिटल लेन - देन की ओर अग्रसर हो रहा है। बीते वर्ष 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की हुई, इस दौरान 500 रूपए और 1000 रूपए के प्रचलित नोट को चलन से हटा दिया गया। इस तरह की कार्रवाई को लेकर कहा गया कि, नोटबंदी कालेधन के खिलाफ की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर, इस तरह की घोषणा की थी। इसके बाद से ही, केंद्र सरकार डिजिटल भुगतान के लेनदेन को, बढ़ाने पर जोर दे रही है। प्रयास किए जा रहे हैं कि, देश कम नकदी चलन वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़े, इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि, कुछ लोगों को इस तरह के तथ्य स्वीकार करने में मुश्किल होती है। ऐसे में डिजीटल ट्रांजिक्शन जिसे कैशलैस इकोनाॅमी कहा जाता है। वह अधिक कारगर साबित होता है। उनका कहना था कि,बैंकिंग सिस्टम अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है। इससे लोगों को महत्व मिलेगा। गौरतलब है कि, सरकार ने इंटरनेट बैंकिंग, कैशलेस ट्रांजिक्शन को महत्व देना प्रारंभ कर दिया है। जिसके तहत लोगों को एटीएम, एटीएम कार्ड, ई बैंकिंग आदि के माध्यम से भुगतान करने पर रिबेट व डिस्काउंट की सुविधा दी जा रही है। दूसरी ओर लोगों को कैशलेस ट्रांजिक्शन का उपयोग करने, और इसे बढ़ावा देने के लिए, कुछ उपहार योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है। कांग्रेस - भाजपा दोनों कर रही हिमाचल प्रदेश में चुनावी प्रचार बीजेपी का गुजरात गौरव महासंपर्क अभियान आज से कांग्रेस समेत कई दलों के नेता, हुए भाजपा में शामिल पैराडाइज पेपर्स लीक मामले में कुछ नहीं बोले भाजपा सांसद फिल्मकारों की पत्नियां रोज़ बदलती है शौहर : बीजेपी सांसद