अब अलगाववादी बदल रहे हैं फंडिंग का तरीका, संसद में टेरर फंडिंग पर बोले केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली। संसद में जम्मू कश्मीर में की जा रही कथित टेरर फंडिंग का मामला गूॅंजा। गौरतलब है कि इस मामले में एनआईए ने अलगाववादी नेताओं पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने इस मामले में मंगलवार को कहा था आखिर किस तरह से अलगाववादी फंडिंग का अपना तरीका बदल रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि आतंकियों को अब लूट के तरीके अपनाने पड़ रहे हैं दरअसल नोटबंदी के बाद टेररफंडिंग पर रोक लगी है। उनका कहना था कि नोटबंदी के बाद जम्मू कश्मीर में हुई पत्थरबाजी की घटनाऐं कम हुई हैं।

उन्होंने पूरक मांग पर हुई बहस का उत्तर देते हुए कहा कि अब पत्थरबाजी कम हुई है। वर्ष 2008 से वर्ष 2010 के बीच जितने पत्थरबाज सड़कों पर थे उनकी तुलना में अब पत्थरबाज बेहद कम हो गए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को एक चैनल के स्टिंग आपरेशन का  जिक्र कर बताया कि कैसे अलगावबादी अपना फंडिंग का तरीका बदल रहे हैं.

जेटली ने इसके साथ ही कहा कि नोटबंदी से आतंकी फंडिंग पर रोक लगी है, नोटबंदी के बाद आतंकियों को फंड इकठ्ठा करने के लिए लूट के अलग- अलग तरीके आजमाने पड़ रहे हैं, नोटबंदी की वजह से आतंकियों का पैसा खत्म हुआ है और बैंक लूट जैसी वारदात को अंजाम देने लगे हैं।

उन्होंने बताया कि अब आतंकी लूट की घटनाऐं करने लग हैं। वे बैंक लूटने के प्रयास करने लगे हैं ऐसे ही एक व्यक्ति को दक्षिण कश्मीर में लश्करे तैयबा मॉड्यूल के सदस्य के रूप में गिरफ्तार किया था आखिरकार यह पकड़ा गया। इस व्यक्ति की पहचान उत्तर प्रदेश के निवासी संदीप शर्मा के तौर पर हुई यह एक वेल्डर था और आतंकवादियों के लिए बैंक के लॉकर्स खोलता था।

उनका कहना था कि फंड जुटाने के इस तरह के प्रयास छत्तीसगढ़ में भी किए जा रहे हैं यह नोटबंदी का असर है। गौरतलब है कि एनआईए ने अब तक इस मामले में 8 हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी की है। यह भी कहा गया है कि इस मामले की सुनवाई 4 अगस्त को होगी।

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