नई दिल्ली : तीन तलाक के मसले पर केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इस मामले में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने ब्लाॅग लिखा। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि तीन तलाक और यूनिफाॅर्म सिविल कोड दोनों ही अलग-अलग मसले हैं। इतना ही नहीं पर्सनल लाॅ को लेकर वित्तमंत्री द्वारा अपनी राय स्पष्टतौर पर दी गई है। दरअसल पर्सनल लाॅ संविधान के अनुसार होना चाहिए। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने ब्लाॅग में यह जानकारी दी कि तीन तलाक वैधता और समान आचरण संहिता दोनों ही पूरी तरह से अलग अलग हैं। सरकार का इस मामले में स्पष्ट नज़रिया दिया है कि पर्सनल लाॅ संविधान के अनुसार होना चाहिए। जेटली के अनुसार पर्सनल लाॅ संविधान के अनुसार बनाया जाना चाहिए। यह कानून और संविधान सम्मत नहीं है, जिसके कारण लोगों को परेशानी होती है। उनका कहना था कि इस मामले में कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है, जो पर्सनल लाॅ तैयार किए गए हैं उनमें भी यही बात सामने रहती है कि पर्सनल लाॅ संविधान के अनुसार नहीं है। दरअसल इस मामले में देश में जमकर बहस छिड़ गई। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड द्वारा यह बात कही गई है कि सरकार तीन तलाक को संविधन के विरूद्ध बता रही है। ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड धार्मिक मसले में हस्तक्षेप को कहीं भी बर्दाश्त नहीं करेगा। मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड को कुरान के अनुसार बताया गया है और यह कहा गया है कि कुरान के अनुसार लागू की गई बात धर्म का मामला है और इसमें किसी को भी दखल नहीं देना चाहिए।