केंद्र सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज को मंजूरी दी है. सरकार ने यह फैसला देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए लिया है. इस पैकेज का उद्देश्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीद का समर्थन करना और निगरानी गतिविधियों को मजबूत करना है. साथ ही इसका उद्देश्य राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को बढ़ावा देना भी है. सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एडिशनल सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और कमिश्नरों (हेल्थ) को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 100 प्रतिशत केंद्र पोषित पैकेज को जनवरी 2020 से मार्च 2024 तक तीन चरणों में लागू किया जाएगा. पाक में बढ़ रहा कोरोना का प्रकोप, 24 घंटे में 200 से अधिक लोग संक्रमित इस मामले को लेकर पत्र ने कहा गया कि आपातकालीन कोरोना वायरस (COVID-19) प्रतिक्रिया के उद्देश्यों के साथ, रोकथाम और तैयारियों का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, उपभोग्य सामग्रियों और दवाओं की खरीद, निगरानी गतिविधियों को मजबूत करना, जिसमें प्रयोगशालाओं और जैव-सुरक्षा तैयारियों की स्थापना शामिल है. पत्र के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जून 2020 तक चरण 1 के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए धन जारी कर रहा है. कोरोना से जूझ रहे पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, IMF ने रोका बेल आउट पैकेज आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पहले चरण के तहत लागू की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में समर्पित COVID-19 अस्पतालों के विकास के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को समर्थन, अस्पतालों में वेंटिलेटर ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ आईसीयू, प्रयोगशालाओं को मजबूत करना, मानव संसाधन के लिए अतिरिक्त संसाधन और मानव संसाधन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की तैनाती से जोड़ा गया है. इसमें पहचान योग्य प्रयोगशालाओं को मजबूत करना और नमूना परिवहन के लिए नैदानिक क्षमता और गतिशीलता समर्थन का विस्तार भी शामिल है. सीएम योगी से मायावती की मांग, कहा- भाजपा सांसद के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई कोरोना संकट के बीच सीएम उद्धव ने बचाई अपनी कुर्सी, कैबिनेट मीटिंग में लिया ये फैसला कोरोना पर सिद्धू का सवाल, कहा- भारत में टेस्ट काम क्यों ? साउथ कोरिया से सीखो