पटना। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने एक समारोह में शिष्टाचार का परिचय दिया। दरअसल वे पटना में 12 फरवरी को सार्वजनिक समारोह में शामिल हुए थे इस दौरान लालू प्रसाद यादव जिस कुर्सी पर बैठे थे वह खाली करने के लिए कहा. दरअसल वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए रखी कुर्सी पर बैठे थे। ऐसे में वे बिना किसी तरह के विवाद के अपनी सीट पर बैठ गए। हालांकि जब सीएम नीतीश कुमार समारोह के मंच पर पहुंचे तो लालू प्रसाद यादव को नीतीश कुमार के बराबर बैठाया गया। लालू और नितीश के इस बर्ताव से वह सभी रिपोर्ट ख़ारिज हो गई जिनमे कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के निर्णय पर नीतीश कुमार द्वारा दिए जाने वाले समर्थन से दोनों के बीच तनाव बढ़ा है। उल्लेखनीय है कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के निर्णय को एतिहासिक कुप्रबंधन करार दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की पुस्तक को लाॅन्च करते हुए उनके द्वारा कहा गया कि नोटबंदी की घोषणा के तीन माह बाद कालेधन से कैशलेस की ओर ध्यान मोड़ दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि डाॅ. मनमोहन सिंह से वे सहमत हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि आखिर नोटबंदी से जाली नोट पकड़ाए क्या या फिर कालाधन बाहर आया क्या। नहीं इससे तो कोई लाभ नहीं हुआ। नाव हादसा: मरने वालों की संख्या हुई 23, मोदी-नीतीश ने किया मुआवजे का एलान भाजपा को रोकने के लिए अखिलेश की साईकिल पर सवार होगी कांग्रेस लालू ने दी बधाई, कहा अखिलेश को आशीर्वाद दें मुलायम