आप सभी को बता दें कि चैत्र महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को 'चैत्र अमावस्या' कहते हैं और इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. कहा जाता है मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इसी के साथ इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विधान माना जाता है. चैत्र अमावस्या का महत्व - जी दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जाता है और मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होना शुरू हो जाती है. कहते हैं इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विधान है. आपको बता दें कि पितृ तर्पण करने के लिए नदी में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए और इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इसी के साथ गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं और ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देने लगते हैं. नवरात्रि में करें इन मन्त्रों का जाप, होगा महालाभ नवरात्रि में भूलकर भी ना करें इस लौटे का उपयोग वरना होगा घातक पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए अमावस्या को रखें व्रत, करें दान-पुण्य