हर साल आने वाली चैत्र नवरात्रि इस साल भी आ चुकी है और आज इस पर्व का छठा दिन है. आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के छठवें दिन मां दुर्गाजी के छठे स्वरुप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. कहा जाता है मन की शक्ति की देवी माता कात्यायनी की उपासना से मनुष्य सभी इन्द्रियों को वश में कर सकता हैं. जी हाँ, आप सभी को बता दें कि दुर्गा मां के इस रूप में प्रकट होने की बड़ी अद्भुत कथा है. जी दरअसल यह देवी का वही स्वरूप है, जिन्होंने महिषासुर का वध किया था इसलिए यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी कहलाती हैं आइए जानते है. मां कात्यायनी की पूजा विधि और मां कात्यायनी का मंत्र. मां कात्यायनी की पूजा विधि - आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के छठे दिन पूजा में शहद का बहुत महत्व होता है और इसका इस्तेमाल प्रसाद में किया जाना चाहिए ताकि इसके प्रभाव से आपको सुंदर रूप मिल सके. आप सभी को बता दें कि इस दिन सबसे पहले मां कत्यायनी की तस्वीर लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखी जाती है और इसके बाद मां की पूजा उसी तरह की जाए जैसे कि नवरात्रि के अन्य दिनों में आप करते हैं. मां कात्यायनी का मंत्र - इसके लिए हाथों में लाल फूल लेकर मां की भक्ति इस मंत्र के साथ करें व 108 बार इस मंत्र का जाप करें. मंत्र - चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहनो, कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि. पूजा फल - आप सभी को बता दें कि नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना व पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है. इसी के साथ दुश्मनों का संहार करने के लिए मां शक्ति प्रदान करती हैं और इनका ध्यान गोधुलि बेला अर्थात् शाम के समय में करने से लाभ होता है. उपवास के दौरान जरूर करे इसका सेवन, इम्युनिटी नहीं होगी कमजोर कोरोना जैसी महामारी का नाश कर देगा यह मंत्र, आज ही करें जाप आज जरूर करें मां कूष्माण्डा का स्त्रोत पाठ