आप सभी जानते ही होंगे कि नवरात्र आरम्भ हो चुका है. बीते 25 मार्च से नवरात्र का पर्व शुरू हो चुका है और यह पर्व सभी हिंदुओं के लिए मुख्य माना जाता है. यह पर्व नौ दिनो का होता है जिनमे मातारानी के भक्त उपवास रखते है और माँ के सामने अपनी कामना रखते हैं. जी दरअसल कहा जाता है इन दिनो में माँ को ख़ुश करने के लिए पूजन किया जाता है. आप सभी को बता दें कि नवरात्रि के व्रत में जौ बीजने की परंपरा बताई जाती है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि आखिर नवरात्रि में व्रत रखने वाला व्यक्ति जौ क्‍यों बीजता है. तो आइए आज हम आपको बताते हैंइसके बारे में. जौ और क्या है इसका धार्मिक महत्व- जी दरसल जौ व्यक्ति को उसेक भविष्य से जुड़े कई अहम संकेत देते हैं. अगर धर्मग्रन्थों की माने तो सृष्टि की शुरूआत के बाद सबसे पहली फसल जौ ही हुई थी. यही वजह है कि जब कभी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ ही चढ़ाई जाती है. तो अब आइए जानते हैं जौ से जुड़े संकेत. कहा जाता है जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा हो जाए तो इसका मतलब आने वाला साल व्यक्ति के लिए आधा अच्छा रहेगा. इसी के साथ अगर जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला होने पर इसका मतलब होता है कि साल का शुरूआती समय अच्छे से बीतेगा, लेकिन बाद में व्यक्ति को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कहा जाता है व्यक्ति का बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है. अगर ऐसा हो तो माता रानी ने आपकी पूजा स्वीकार कर ली है और आने वाला पूरा साल आपके लिए खुशियों से भरा होने वाला है. आज के दिन जरूर सुने माँ ब्रह्मचारिणी की यह कथा नवरात्र में सात्विक खाने के लिए बनाये टेस्टी साबूदाने का पुलाव , जाने रेसिपी अर्द्धसैनिक बलों के अस्पतालों में होगा केवल कोरोना पीड़ितों का इलाज़