चैत्र नवरात्रि का 22 मार्च मतलब आज से शुंभारंभ हो गया है। नवरात्रि में प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के पश्चात् मां के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाती है। हिमालय की बेटी होने की वजह से इन्हें शैलपुत्री बोला जाता है। मां शैलपुत्री का स्वरूप बेहत शांत एवं सरल है। देवी के एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल शोभा दे रहा है। नंदी बैल पर सवार मां शैलपुत्री को वृषोरूढ़ा एवं उमा के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, पूर्वजन्म में शैलपुत्री का नाम सती था एवं ये भगवान शिव की पत्नी थीं। सती के पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान कर दिया था और तब सती ने अपने आपको यज्ञ अग्नि में भस्म कर लिया था। अगले जन्म में यही सती शैलपुत्री स्वरूप में प्रकट हुईं एवं महादेव से फिर विवाह किया। इस विधि से करें मां शैलपुत्री का पूजन:- मां शैलपुत्री के विग्रह या चित्र को लकड़ी के पटरे पर लाल या सफेद वस्त्र बिछाकर स्थापित करें। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तु बेहद प्रिय है, इसलिए मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र या सफेद फूल चढ़ाएं तथा सफेद बर्फी का भोग लगाएं। एक साबुत पान के पत्ते पर 27 फूलदार लौंग रखें। मां शैलपुत्री के सामने घी का दीपक जलाएं एवं एक सफेद आसन पर उत्तर दिशा में मुंह करके बैठें। ॐ शैलपुत्रये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के पश्चात् सारी लौंग को कलावे से बांधकर माला का स्वरूप दें। अपने मन की इच्छा बोलते हुए यह लौंग की माला मां शैलपुत्री को दोनों हाथों से अर्पण करें। ऐसा करने से आपको हर कार्य में कामयाबी मिलेगी पारिवारिक कलह हमेशा के लिए खत्म होंगे। मां शैलपुत्री के पूजन का महत्व:- जीवन के समस्त कष्ट क्लेश एवं नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए एक पान के पत्ते पर लौंग सुपारी मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को चढ़ाएं। मां शैलपुत्री की आराधना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है एवं कन्याओं को उत्तम वर प्राप्त होता है। नवरात्रि के पहले दिन आराधना में साधक अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते हैं। शैलपुत्री का पूजन करने से मूलाधार चक्र जागृत होता है तथा अनेक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मां शैलपुत्री की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है तथा रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है। बेटी को विदाई में भूलकर भी ना दे ये 4 चीजें, वरना गृहस्थी पर पड़ेगा भारी खलल बेहद अशुभ है नवरात्रि की जौ का ऐसा रंग होना, यहाँ जानिए नवरात्रि में घर पर इस आसान रेसिपी से बनाएं स्वादिष्ट लौकी का हलवा