हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की अंतिम तिथि को पूर्णिमा कहा जाता है। आप सभी को बता दें कि धार्मिक दृष्टि से चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है और इस दिन श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है। वहीं इसके अलावा इसी दिन ब्रज नगरी में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग रास उत्सव रचाया था। कहते हैं कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान एवं दान-पुण्य के कार्य करने से समस्त प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है। आप सभी को बता दें कि चैत्र महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा, चैती पूनम भी कहते हैं और पूर्णिमा तिथि पर भगवान नारायण की पूजा और व्रत किया जाता है। वहीं रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देने के पश्चात व्रत का पारण किया जाता है। आप सभी को बता दें कि चैत्र पूर्णिमा के दिन नदी, तीर्थ, सरोबर और जलकुंड में स्नान करके दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। अब हम आपको बताते हैं पूर्णिमा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। चैत्र पूर्णिमा 2022 चैत्र पूर्णिमा: दिनांक 16 अप्रैल 2022, शनिवार पूर्णिमा तिथि प्रारंभ :16 अप्रैल, शनिवार 02:25 AM पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अप्रैल 12:24 AM चंद्रोदय का समय सायं 16 अप्रैल, शनिवार, 06:27 PM चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि- इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें। उसके बाद चैत्र पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लें। अब श्रीविष्णु की पूजा करें। इसके बाद अगर संभव हो तो सत्य नारायण का पाठ करें। उनको नैवेद्य अर्पित करें। इसके बाद चंद्रदर्शन करें और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें। वहीं अंत में ब्राह्मणों और गरीबों को दान-दक्षिणा दें। 2 अप्रैल से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, यहाँ जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री लिस्ट शुरू हो गया चैत्र का महीना, जानिए आखिर क्यों माना जाता है खास इन राशिवालों के लिए बड़ा खतरनाक है सूर्य गोचर, देखिये कहीं आपकी राशि तो नहीं शामिल