आज 16 अप्रैल दिन शनिवार को चैत्र पूर्णिमा है। जी हाँ और इस तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं पंचांग के अनुसार, आज शनिवार को तड़के 02:25 बजे से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हुई है और यह आज देर रात 12 बजकर 24 मिनट तक है। आप सभी को बता दें कि आज पूर्णिमा व्रत और स्नान दान का कार्यक्रम किया जा रहा है। ऐसे में आज सुबह से ही गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में लोग स्नान कर रहे हैं और दान पुण्य का लाभ कमा रहे हैं। आपको पता ही होगा कि पूर्णिमा के अवसर पर नदी स्नान एवं दान करने से हजार गुना पुण्य की प्राप्ति होती है। अब हम आपको बताते हैं चैत्र पूर्णिमा मुहूर्त, स्नान, दान, व्रत और पूजा विधि के बारे में। चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रात:काल 05:55 बजे से ही रवि योग लग गया है, जो आज प्रात: 08:40 बजे तक रहेगा। आपको जानकारी हो कि रवि योग सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस योग में कार्यों में सफलता प्राप्त होती है, यश एवं कीर्ति में वृद्धि होती है। आज आप चैत्र पूर्णिमा का स्नान एवं दान रवि योग में करें और आज का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त 11:55 बजे से लेकर दोपहर 12:47 बजे तक है। आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर पर स्नान वाले पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। उसके बाद उससे स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। जी हाँ और उसके पश्चात चावल, दाल, नमक, हल्दी, आलू, सब्जी, कुछ रुपये, वस्त्र आदि का दान करें। चैत्र पूर्णिमा व्रत एवं पूजा विधि- आज के दिन लोग पूर्णिता व्रत रखते हैं। वह स्नान दान के बाद सत्यनारायण भगवान के व्रत एवं कथा का संकल्प करते हैं। आप सत्यनारायण भगवान की पूजा फूल, फल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, रोली, चंदन, तुलसी का पत्ता, पंचामृत आदि से कर सकते हैं। अब इसके बाद सत्यनारायण भगवान की कथा सुने और कथा के बाद आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। आज के दिन, दिन में फलाहार करते हुए व्रत रखा जाता है। शाम के समय में चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूर्णिमा की रात चंद्रमा को जल अर्पित किया जाता है। आज राशि के अनुसार श्री हनुमान जी को लगाए भोग, पूरी होगी हर मुराद श्री राम की वजह से संकटमोचन को पसंद है सिंदूर, पढ़े पौराणिक कथा इस लड़के को हनुमान जी का अवतार कह रहे लोग, वजह है 70 सेंटीमीटर लंबी पूंछ