जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक अनोखी घटना ने लोगों और वैज्ञानिकों दोनों का ध्यान खींचा है। संत समर्थ दादा गुरु भैया जी सरकार 7 अक्टूबर, 2020 से बिना कोई ठोस आहार लिए, केवल नर्मदा नदी के जल पर निर्भर रहकर जीवन जी रहे हैं। यह असाधारण उपलब्धि लगभग तीन साल और सात महीने तक जारी रही, जिससे कई लोग उनके धैर्य को देखकर आश्चर्यचकित रह गए। दादा गुरु जबलपुर में समर्थ मिशन आश्रम में रहते हैं और इस दौरान उन्होंने अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत को बनाए रखा है। खास बात यह है कि उन्होंने नर्मदा नदी के चारों ओर 3,200 किलोमीटर की पैदल तीर्थयात्रा भी की, जिसमें उन्होंने केवल इसके जल पर अपना जीवनयापन किया। मध्य प्रदेश सरकार ने इस घटना में गहरी दिलचस्पी ली है और इसकी जांच के लिए एक शोध अध्ययन शुरू किया है। पूर्व कुलपति डॉ आरएस शर्मा के नेतृत्व में नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की एक समिति बनाई गई है। डॉ प्रशांत पुणेकर और डॉ राजेश महोबिया सहित यह टीम दादा गुरु की सात दिनों तक चौबीसों घंटे निगरानी करेगी और उनके स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए विभिन्न चिकित्सा परीक्षण करेगी। इन परीक्षणों में उनकी नाड़ी दर, रक्तचाप, ECG, शुगर लेवल, कोलेस्ट्रॉल, यूरिया और यूरिक एसिड के स्तर की निगरानी शामिल होगी। शोध के दौरान दादा गुरु लगातार CCTV निगरानी में रहेंगे और मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस में रहेंगे। इसका उद्देश्य यह समझना है कि वे अकेले नर्मदा के पानी पर कैसे जीवित रह पाए हैं और पानी के किसी भी ऐसे अनोखे गुण की जांच करना है जो उन्हें ऐसा पोषण दे सके। इस शोध के निष्कर्षों को तीन सप्ताह के बाद पंजीकृत चिकित्सा परिषद के लिए एक रिपोर्ट में संकलित किया जाएगा। इस जांच का उद्देश्य मौजूदा वैज्ञानिक सिद्धांतों को चुनौती देना और संभवतः मानव शरीर विज्ञान और नर्मदा के पानी के पोषण गुणों के बारे में नई जानकारी प्रकट करना है। गठित की गर्ड़ समिति जांच के 3 सप्ताह के अध्ययन बाद अपनी रिपोर्ट रजिस्टर मेडिकल काउंसिल को सौंपेगी। संदेशखाली में महिलाओं को 'विधवा' बनाने की धमकी, पीड़िताओं पर ही बंगाल पुलिस ने दिखाई ताकत, Video MP में घटी श्रद्धा हत्याकांड जैसी घटना! नदीमउद्दीन ने पत्नी के 14 टुकड़े कर फेंके, देखकर पुलिस भी रह गई सन्न MP में होगा नमामि गंगे अभियान का आगाज, CM मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को किया भाग लेने का आह्वान