कहते हैं चाणक्य नीति के अनुसार किसी इंसान या शक्ति पर भरोसा करने से पहले अपने विवेक का उपयोग करना चाहिए. जी हाँ, इस बारे में चाणक्य नीति के पहले अध्याय के 15 वें श्लोक में बताया गया है कि किसी बात, इंसान या शक्ति पर भरोसा करने से पहले क्या सोचना चाहिए. वहीं इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने जंगली जानवर, नदी, हथियार वाले लोग, स्त्रियां और राज परिवारों के लोगों का उदाहरण दिया है और चाणक्य नीति के अनुसार इन लोगों पर तो भरोसा नहीं करना चाहिए और ये भी सीखना चाहिए कि किस पर भरोसा करें. चाणक्य नीति का श्लोक - नदीनां शस्त्रपाणीनांनखीनां शृङ्गिणां तथा . विश्वासो नैव कर्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च ॥ ०१-१५ चाणक्य नीति के इस श्लोक का अर्थ है - आचार्य चाणक्य बताते हैं कि इंसान को जंगली जानवर, नदी, हथियार वाले लोग, स्त्रियां और राज परिवारों के लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. इन पर भरोसा करने से परेशानी आ सकती है, लेकिन आचार्य चाणक्य बताते हैं कि इनके अलावा किसी पर भी भरोसा करने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए. इसी के साथ चाणक्य नीति के अनुसार कि किसी इंसान या किसी मामले में अनिश्चितता की स्थिति बनी रहे तो उस पर भरोसा न करें. चाणक्य राज परिवारों के बारे में कहते हैं कि कोई स्थिति अचानक आपके फेवर में हो जाए या हर काम आसान लगे तो उसके पीछे के नतीजों के बारे में जरूर सोच लेना चाहिए. राज परिवार यानी बड़े लोग सत्ता पाने के लिए कभी-भी कुछ भी कर देते हैं. जैसे नदी और जंगली जानवर शांत दिखने के बाद भी अचानक अशांत हो जाते हैं जिससे परेशानी बढ़ जाती है. इसलिए आप खुद को कैसे संभालेंगे इसका विचार कर के सावधानी के साथ रहें. कहते हैं स्त्रियों के लिए भी कहा है कि स्त्रियां अपने मन की बातें कभी किसी को पता नहीं होने चलने देती हैं. इसका मतलब ये है कि कई बार लोग अपने मन की बातें चेहरे पर नहीं आने देते इसलिए किसी भी बात पर भरोसा करने से पहले उससे आगे के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पक्षों के बारे में सोचना चाहिए. जानिए 30 मई का रोजा इफ्तारी समय अल्लाह से रिश्ता जोड़ने को कहता है 24वां रोजा इस वजह से गुरूवार को भगवान विष्णु को लगाते हैं गुड-चने का भोग