आचार्य चाणक्य ने इन्हे बताया है दुनिया की सबसे बेशकीमती चीज़

कहा जाता है आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातें बताई हैं जो अगर जीवन में उतार ली जाए तो धन्य हो सकते हैं। ऐसे में आपको पता हो आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान के दम पर चंद्रगुप्त को राजा बनाकर मौर्य साम्राज्य की स्थापना करवाई और ग्रंथों में इनके बारे में जो वर्णन मिलता है उसे जानने के बाद कोई भी व्यक्ति सफल हो सकता है।  ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार दुनिया के बेशकीमती चीज़ कौन सी हैं।

चाणक्य नीति श्लोक - नात्रोदक समं दानं न तिथि द्वादशी समा। न गायत्र्या: परो मंत्रो न मातुदेवतं परम्।।

* उनके अनुसार इस दुनिया में भोजन और पानी के दान को महादान कहा जाता है। जी हाँ और इसके अलावा दुनिया में इतना बेशकीमती कुछ नहीं है इसी वजह से ऐसा कहते है जो व्यक्ति भूखे-प्यासे व्यक्ति को भोजन और पानी पिलाता है उसे पुण्य आत्मा कहकर संबोधन किया जाता है।

* इसी के साथ आचार्य चाणक्य का कहना है हिंदू पंचांग की एकादशी तिथि सबसे पवित्र तिथि मानी जाती है। कहते हैं इस समय पूजा-आराधना और उपवास रखने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

* वहीं आचार्य चाणक्य के अनुसार गायत्री मंत्र से अधिक ताकतवार व प्रभावशाली कोई दूसरा मंत्र नहीं है। जी हाँ, माता गायत्री को वेदमाता कहा जाता है और सभी चारो वेदों की उत्पत्ति गायत्री से हुई है।

* आचार्य चाणक्य ने कहा है इनके जाप से बुद्धि आदि के साथ-साथ अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।

* आचार्य चाणक्य के मुताबिक इस धरती पर मां से बड़ा कुछ नहीं। जी हाँ, आचार्य चाणक्य ने कहा है न मां से बड़ा कोई देवता है, न कोई तीर्थ और न ही कोई गुरु है। कहते हैं जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा करता है उसे और किसी की भक्ति करने की कोई आवश्कता नहीं होती।

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