नहीं रहे कवि चंद्रकांत देवताले

नईदिल्ली। साहित्य अकादमी से सम्मानित लोकप्रिय कवि चंद्रकांत देवताले का सोमवार की रात निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार लोधी रोड शमशान घाट पर किया जाएगा। जानकारी उनकी पुत्री अनुप्रिया देवताले ने दी। चंद्रकांत देवताले ने 81 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वे बीमार थे और उनका उपचार किया जा रहा था मगर उपचार के दौरान ही उन्होंने अपने चाहने वालों को अलविदा कहा।

उन्होंने अपने जीवन के कई वर्ष मध्यप्रदेश के उज्जैन संभाग में भी बिताए। उनका जन्म मध्यप्रदेश के बैतूल के गांव जौलखेड़ा में हुआ था। उनका प्रारंभ इंदौर में हुआ था। उन्होंने अपनी पीएचडी सागर विश्वविद्यालय, सागर से की थी।

उन्होंने कई कविताओं की रचना की जिसमें काव्य संग्रह पत्थर फैंक रहा हूॅं के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। चंद्रकांत देवताले की कृतियों में हड्डियों में छिपा ज्वर,दीवारों पर खून से, लकड़बग्घा हंस रहा है, हर चीज आग में बताई गई थी आदि प्रमुख हैं।

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