लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब तक बिल्कुल तय माना जा रहा, समाजवादी पार्टी (सपा) और भीम आर्मी का गठबंधन अचानक पलट गया है। दरअसल, लखनऊ में शनिवार को प्रेस वार्ता करते हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने कहा कि अखिलेश यादव को दलितों की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हम पूरा प्रयास करेंगे। वहीं, प्रेस वार्ता में भीम आर्मी चीफ ने अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा कि मैं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ता हूं। दो-दो बार तिहाड़ जेल जाकर आ चुका हूं। उन्होंने कहा कि मेरी जंग कभी भी सत्ता की नहीं रही है। चंद्रशेखर ने आगे कहा कि विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास अब भी जारी है, हालांकि अभी भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिन तक हम लगातार विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। चंद्रशेखर ने कहा कि विगत 5 वर्षों में मैंने लगातार दलितों-शोषितों के खिलाफ हो रहे अन्याय की जंग लड़ी है। मैं मुद्दों पर बात करता हू। उन्होंने कहा कि 6 माह पहले से बहुजन समाज को एकजुट किया और अखिलेश यादव से मुलाकात करता रहा। अखिलेश यादव से लंबी चर्चा चली है। मैं पिछले दो दिनों से लखनऊ में हूं। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज के लोगों को लगता था कि हमारा नेता भी सपा के साथ रहे, मगर लगता है कि अखिलेश को दलितों की आवश्यकता नहीं है। अखिलेश ने बहुजन समाज को अपमानित किया है। बता दें कि, शुक्रवार को अखिलेश यादव से मिलने के बाद चंद्रशेखर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, 'एकता में बड़ा दम है। मजबूती और एकता के बगैर बीजेपी जैसी मायावी पार्टी को हराना आसान नहीं है। गठबंधन के अगुवा का दायित्व होता है कि वो सभी समाज के लोगों के प्रतिनिधित्व और सम्मान का खयाल रखें। आज यूपी में दलित वर्ग अखिलेश यादव जी से इस जिम्मेदारी को निभाने की अपेक्षा रखता है।' लेकिन अब चंद्रशेखर के गठबंधन न होने के बयान से ऐसा लगता है कि दोनों के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है और अब भीम आर्मी प्रमुख मायावती के पास जा सकते हैं, या अकेले ही चुनाव में उतर सकते हैं। यूपी चुनाव में पीएम मोदी ने खुद संभाला मोर्चा, टिकट बंटवारे पर बैठक में हुए शामिल यूपी चुनाव: क्या अयोध्या में 'मोदी की काशी' जैसा करिश्मा कर पाएंगे योगी आदित्यनाथ ? फर्म में निवेशकों को गुमराह करने के आरोप में इस कंपनी के संस्थापक को 26 सितंबर को होगी जेल