नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष में एक और तकनीकी उपलब्धि हासिल करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को बधाई दी है। चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल ने एक सफल चक्कर लगाया। एक अन्य अनूठे प्रयोग में प्रोपल्शन मॉड्यूल को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। इस उपलब्धि के बारे में इसरो की एक्स पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधान मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “बधाई हो @ISRO। हमारे भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों में हासिल की गई एक और तकनीकी उपलब्धि में 2040 तक एक भारतीय को चंद्रमा पर भेजने का हमारा लक्ष्य भी शामिल है।'' भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि, विक्रम लैंडर पर हॉप प्रयोग की तरह, एक और अनूठे प्रयोग में, चंद्रयान 3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) को चंद्रमा के चारों ओर एक कक्षा से पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में ले जाया गया है। ISRO ने पोस्ट में लिखा कि, 'चंद्रयान 3 मिशन: Ch 3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल एक सफल चक्कर लगाता है! एक अन्य अनूठे प्रयोग में पीएम को चंद्र कक्षा से पृथ्वी की कक्षा में लाया गया है। एक कक्षा-उत्थान युक्ति और एक ट्रांस-अर्थ इंजेक्शन पैंतरेबाज़ी ने पीएम को पृथ्वी-बाउंड कक्षा में स्थापित किया है।' बता दें कि, चंद्रयान 3 मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के पास एक नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना और विक्रम और प्रज्ञान पर उपकरणों का उपयोग करके प्रयोग करना था। अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई, 2023 को SDSC, SHAR से LVM3-M4 वाहन पर लॉन्च किया गया था। 23 अगस्त को, विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर अपनी ऐतिहासिक लैंडिंग की और उसके बाद प्रज्ञान रोवर को तैनात किया गया। लैंडर और रोवर में वैज्ञानिक उपकरणों को निर्धारित मिशन जीवन के अनुसार 1 चंद्र दिवस तक लगातार संचालित किया गया। चंद्रयान 3 के मिशन के उद्देश्य पूरी तरह से पूरे हो गए हैं। सीएम रेवंत रेड्डी सहित 10 मंत्रियों ने तेलंगाना में ली शपथ, पीएम मोदी ने दी बधाई, बोले- मैं राज्य के नागरिकों के लिए... अमेरिका में हर राज्य का अपना संविधान है, तो भारत में क्यों नहीं..? अमित शाह के 'एक विधान-एक निशान' वाले बयान पर बोले शशि थरूर उर्दू नहीं सीखी, तो 'परमानेंट' नहीं होगी नौकरी ! 115 साल पुराने कानून को बदलने जा रही योगी सरकार