सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का वक़्त बहुत शुभ माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त का मतलब होता है भगवान का समय. ब्रह्म मूहूर्त को अक्षय मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है. हमारे शास्त्रों के मुताबिक, ब्रह्म मुहूर्त में उठते ही देवी देवताओं या अपने ईष्टदेवता को याद करना चाहिए. ज्योतिषियों के अनुसार, ब्रह्ममुहूर्त में उठते ही हथेली को देखते हुए कुछ मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में सुख समृद्धि का वास होता है. तो आइए आपको बताते हैं कि ब्रह्ममुहूर्त में उठते ही कौन से मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए. कराग्रे वसते लक्ष्मी:, कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू गोविंदा, प्रभाते कर दर्शमन।। अपनी हथेलियों को जोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करें. गायत्री मंत्र:- ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्- इस मंत्र को पढ़ने बुद्धि और ज्ञान का मार्ग प्रशस्त होता है और लाभ होता नजर आने लगता है. महामृत्युंजय मंत्र ऊं जूं स माम् पालय पालय स: जूं ऊं- इस मंत्र के उच्चारण से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. ऊं महालक्ष्मी नम:- इस मंत्र के उच्चारण से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. खर्चे पूरे होते हैं तथा रुकी हुई लक्ष्मी भी मिलती है. इसके अतिरिक्त ऊं का जाप मानसिक शक्ति प्रदान करता है तथा पूरा दिन सकारात्मक गुजरता है. सूर्य देव को जल चढ़ाने से पहले पानी में जरूर मिलाएं ये 5 चीजें, लौट आएँगे अच्छे दिन घर पर न पड़ने दें इन 4 चीजों की परछाई, बना देता है कंगाल जून की इस तारीख से शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा, जानिए क्यों खास है ये धाम?