चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक 3 वर्षों पर एक ज्यादा माह जुड़ता है, वही मलमास या अधिकमास कहलाता है। वर्ष में जुड़ने वाले ज्यादा माह को मलीन माना जाता है, इसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है, इसलिए इसे मलमास कहते हैं। मलमास के अधिपति देव भगवान पुरुषोत्तम यानि श्रीहरि विष्णु हैं, इसलिए मलमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। इस वर्ष हिंदू कैलेंडर में मलमास के जुड़ने से वर्ष में 13 महीने होंगे। यह मलमास श्रावण माह में जुड़ रहा है, जिसके कारण सावन का महीना 59 दिनों का हो गया है। 18 जुलाई से मलमास की शुरूआत होगी। 18 जुलाई को मलमास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी। वही इस दौरानभगवान श्री विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों के कुछ मंत्रों का जाप करें तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। भगवान विष्णु के प्रभावशाली मंत्र:- 1. गोवर्धनधरं वन्दे गोपालं गोपरूपिणम्। गोकुलोत्सवमीशानं गोविन्दं गोपिकाप्रियम्।। विशेषकर पुरुषोत्तम मास में इस मंत्र का जाप किया जाता है। जिससे कि मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है तथा उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। 2. ओम नमो भगवते वासुदेवाय। यह प्रभु श्री विष्णु का प्रभावी द्वादशाक्षरी मंत्र है। यह वैष्णव संप्रदाय में अत्यधिक महत्वपूर्ण मंत्र माना जाता है। पुरुषोत्तम मास में नित्य स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें। उसके बाद प्रभु श्री विष्णु के द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप करें। ध्यान रहे कि मंत्र जाप के समय मंत्र का सही उच्चारण किया जाए। 3. ऊं नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। यह प्रभु श्री विष्णु का गायत्री महामंत्र है। पूजा के बाद उस मंत्र का जाप भी कल्याणकारी होता है। 4. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम। विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम। लक्ष्मीकान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म। वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।। श्री हरि पूजा के समय इस मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं। ध्यान रखने वाली बात:- प्रभु श्री विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से करना चाहिए। स्वयं पीले आसन पर विराजमान होकर मंत्र का जाप करें। 18 जुलाई से शुरू हो रहा मलमास, भूलकर भी ना करें ये गलतियां सावन शिवरात्रि पर सतर्क रहे ये 5 राशि के जातक, नहीं तो होगा भारी नुकसान सावन शिवरात्रि पर अविवाहित लड़के और लड़कियां करें इन मन्त्रों के जाप, दूर होगी विवाह में आ रही अड़चन