बुधवार सुबह मेष लग्न में भगवान केदारनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। इसके बाद अगले छह महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के समय पूजा में पुजारी समेत सिर्फ 16 लोग ही मौजूद हुए। इसके साथ ही केदारनाथ धाम कपाट खुलने के पश्चात सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई। वहीं केदारनाथ धाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिश्ता काफी पुराना है। यहां उन्होंने साधना की थी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कभी केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में करीब डेढ़ माह गुफा में साधना की थी। ऐसा बताया जाता है कि 80 के दशक में वह अक्सर बाबा केदार के दर्शनों को आते रहते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह कई बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं।केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों के अनुसार 1985-1986 के बीच उन दिनों वह संघ से जुड़े थे और योग साधना को लेकर प्रचार-प्रसार की रणनीति तैयार कर रहे थे।इसलिए उन्होंने सबसे पहले खुद ही गरुड़चट्टी स्थित गुफा में साधना शुरू कर दी। वह करीब डेढ़ माह यहां रहे। तब मोदी प्रतिदिन केदार बाबा के दर्शन के लिए जाते थे। पूजा पाठ कर वे चाय पिया करते थे। इसके बाद उन्होंने राजनीति में सक्रिय कदम रखे और वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2002 में भी वह केदारनाथ आए थे।2013 में आपदा के बाद भी वे बाबा केदार के धाम पहुंचे थे। 2019 मई माह में लोकसभा चुनाव मतगणना से कुछ दिन पहले पीएम मोदी धाम आए थे और यहां कई घंटों रुद्र गुफा में साधना की थी।उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिधान देश भर में चर्चा का विषय बन गया था। परिधान उत्तराखंड के जौनसार बावर के विशेषज्ञ दर्जी रण सिंह ने तैयार किया था। जौनसार बावर के इस पारंपरिक परिधान को चोड़ा कहा जाता है। लॉकडाउन के बीच हुई यह अनोखी शादी रहेगी यादगार, देखे वीडियो अचानक अमेरिका ने दिखाई कड़वाहट, व्हाइट हाउस ने ट्विटर पर पीएम मोदी को किया अनफॉलो आज विधि-विधान से खोले गए केदारनाथ के कपाट, पीएम मोदी के नाम की गई प्रथम पूजा