लखनऊ: लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन खतरे में है और यह किसी और से नहीं बल्कि चूहों से है. चूहों को मारने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों का बजट भी जारी किया जाता है.उत्तर प्रदेश के चारबाग रेलवे स्टेशन को चूहों से खतरा बना हुआ है. रेलवे की पटरी से लेकर रेलवे प्लेटफार्म तक चूहों ने डेरा जमा रखा है. चूहे भी छोटे-मोटे नहीं बल्कि बिल्ली के आकार तक के हैं. खतरा इतना गंभीर है कि केंद्र सरकार भी इन को मारने के लिए बजट जारी करती है. मगर सब को बेअसर करते हुए चूहे बेफिक्र होकर मस्ती में खोए हुए हैं. खान पान की सामग्री,रेलवे प्लेटफॉर्म की दुकानें,कूड़ेदान प्लेटफार्म के पिलर, सभी जगह सिर्फ चूहे ही नजर आते हैं. चूहों ने हर जगह बिल बनाया हुआ है. बड़े-बड़े चूहों के लिए गहराई तक बिल बने हैं. जिसकी मिट्टी खोद खोद कर चूहों ने नींव खोखली कर दी है जब कभी बारिश होती है या ट्रेनों की धुलाई की जाती है अथवा ट्रेनों के डिब्बों में पानी भरा जाता है. इन बिलों से होते हुए पानी नीव तक पहुंचता है. जहां की मिट्टी धीरे धीरे कट रही है. हमारे देश में भूकंप ने कई बार जनजीवन तबाह किया है. जिसका सबसे बड़ा कारण बिल्डिंगों या मकानों के नीचे दबकर जनजीवन एवं सामान का तबाह हो जाना होता है. जानकारों की माने तो चारबाग रेलवे स्टेशन को चूहों ने इस कदर खोखला कर दिया है कि अगर भूकंप का झटका इस बिल्डिंग में आया, तो भारी नुकसान होने की संभावना है. केंद्र सरकार भी इस बात को हल्के में नहीं लेती है इसीलिए कई बार चूहों को मारने के लिए करोड़ों रुपए का बजट भी जारी किया गया है. लेकिन चूहों पर सब बेअसर हैं.