17 जुलाई से चातुर्मास आरम्भ होने वाला है. इसका समापन 12 नवंबर को होगा. चातुर्मास में प्रभु श्री विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं एवं सृष्टि का संचालन महादेव करते हैं. चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, आश्विन एवं कार्तिक माह से मिलकर बनता है. ज्योतिषविदों के अनुसार, चातुर्मास में कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. 1. चातुर्मास में शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. साथ ही, इसमें मुंडन एवं गृह प्रवेश जैसे 16 संस्कार करने से भी बचना चाहिए. 2. चातुर्मास में मांस, मछली, अंडा, प्याज एवं लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. इसमें ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करें. 3. चातुर्मास में किसी भी प्रकार की यात्रा करने से बचना चाहिए. अगर बेहद जरूरी हो तो दिशा शूल के नियमों को ध्यान में रखकर ही घर से निकलें. 4. चातुर्मास के अलग-अलग माहों में दही, मूली, बैंगन एवं मसूर की दाल का सेवन भी वर्जित माना गया है. इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां भी न खाएं. 5. इसके चलते किसी जीव, पशु आदि पर अत्याचार या हिंसा नहीं करनी चाहिए. ऐसे करने वालों को बहुत बुरे नतीजे प्राप्त हो सकते हैं. 6. चातुर्मास में पूजा-पाठ के समय वस्त्रों के रंगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. नीले या फिर काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए. लाल-पीले रंग के कपड़े शुभ होते हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां इन 3 राशि वालों के लिए बेहद शुभ है आने वाले दिन, नौकरी-करियर में होगी तरक्की हमेशा पैसों से भरी रहती है इन 4 गुणों के स्वामी की जेब, दूर ही रहती है कंगाली