पटना : राजद संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह सदा अपने कड़वे और तीखे तेवर के लिए जाने जाते रहे है. सरकार पर सीधा सीधा हमला करने से वो कभी परहेज नहीं करते. इस बार डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है. किसानों की आत्महत्या, दोगुनी आमदनी, फसल बीमा, डीजल अनुदान एवं फसल लागत मूल्य का मुद्दा उठाते हुए रघुवंश ने कहा कि नरेंद्र मोदी की चार वर्षों की सरकार में 12 हजार किसानों ने आत्महत्या की है. मोदी के किसानों को लेकर किए गए वादे 'जुमले' बनकर रह गए हैं. रघुवंश ने किसानों की आमदनी को प्रतिमाह 18 हजार तय करने की मांग करते हुए कहा कि कर्ज माफी, रोजगार गारंटी, पेंशन, फसल बीमा, पशुपालन में आहार सब्सिडी, समय पर खाद, बीज एवं कृषि यंत्रों की सुविधा दिलाने की मांग को लेकर राजद निर्णायक आंदोलन खड़ा करेगा. आम बजट की आलोचना करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वित्तमंत्री ने दावा किया कि रबी फसलों का मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है. वर्ष 2018-19 के लिए एक क्विंटल गेहूं का भाव 1735 रुपये तय किया जा चुका है, जबकि फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया की साइट पर वर्ष 2017-18 में गेहूं का लागत मूल्य 2408 रुपये एवं मूल्य आयोग की वेबसाइट पर आर्थिक लागत 2345 रुपये दर्ज है. यह किसानों के साथ धोखा है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने आगे कहा कि प्रदेश में आठ हजार से ज्यादा राजकीय नलकूप बंद पड़े हैं. सिंचाई के लिए किसानों को निजी बोरिंग पर पहले 90 फीसद सब्सिडी मिलती थी जो अब 50 फीसद हो गई है. किसान लाचार होकर औने-पौने दाम में धान बेच रहे हैं. किसान कोल्ड स्टोरेज में ही आलू छोड़कर भाग रहे हैं. दलहन-तेलहन की लागत भी नहीं निकल पा रही है.'' गौरतलब है कि राजद के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने इससे पहले नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्‍होंने पांच लोगों को गाली-गलौज करने के लिए रखा है. रघुवंश प्रसाद सिंह सदा पीएम मोदी के कड़े आलोचकों में शुमार रहे है. तेजस्वी ने लिखा नीतीश को शिकायतनामा जब तेजस्वी को जदयू से मुँह की खानी पड़ी बड़ी खबर : तेजस्वी से नाखुश आरजेडी महासचिव का इस्तीफा