हम से अधिकतर यह मानते हैं कि स्कूल का जीवन हमारे जीवन के सर्वश्रेष्ठ वर्षों में आता है। ये चो यादें हैं जिन्हें हम हमेशा संजोकर और अपने दिल के बेहद करीब रखना चाहते हैं। खासकर पी टी की कक्षायें जो सबके लिये ईमानदारी से एक बहुत जरूरी ब्रेक हुआ करती थीं, जहाँ हमें कुछ पसीना बहाने का और सूरज की रोशनी में कुछ खेल खेलने का भी मौका मिलता था। एक्टर बाद में और विद्यार्थी पहले, इसलिये छलांग की कास्ट फिल्म की सेट पर अतीत की यादों के लिये हमेशा आतुर रही। यहाँ पर फिल्म की कास्ट और निर्देशक साझा कर रहे हैं कि वो उन बीते हुए दिनों में अपने पी टी. कक्षा में कैसे थे और उनका अपने पी टी अध्यापक से किस तरह की घनिष्ठता थी। अपने पी.टी. अध्यापक के साथ जुड़ी खूबसूरत यादों के बारे फिल्म निर्माता हंसल मेहता साझा करते हैं, "मेरे पी.टी. टीचर का नाम लेनी गोन्साल्वेस था जो मेरे स्कूल में आने से पहले से थे और मेरे स्कूल छोड़ने के काफी बाद तक भी स्कूल में थे जब मेरे बच्चे स्कूल जाने को तैयार हो गये थे वो तब भी उसी स्कूल में थे अभी कुछ सालों पहले उनकी मृत्यु हो गई। मुझे याद है लेनी के पास एक रूलर था और वे सबको अपनी हथेली सामने लाने को कहते थे और हथेली पर मारने के लिए सबके पीछे भागते थे क्योंकि कोई भी पी टी की कक्षाओं को गंभीरता से नहीं लेता था। "मैं तुम्हें एक काट दूंगा" ये उनकी लाइन हुआ करती थी मुझे याद है वो हमें विद्यालय के मैदान के तीन चक्कर काटने को कहते थे और तीन सालों तक मैने एक डॉक्टर की लिखी हुई पर्ची उन्हें दिखाई जिसमें लिखा था कि मुझे एपेन्डिसाइटिस है। चूंकि मैं एक चिकित्सकों के परिवार से था इसलिये यह जाली चिट्ठी का इंतज़ाम कर लेता था और तीन सालों तक स्कूल में मैने स्पोर्टस नहीं खेले । कहीं न कहीं यह फिल्म मुझे याद दिलाती है कि अगर मैंने उस वक्त इन कक्षाओं को गंभीरता से लिया होता तो आज मैं थोड़ा और फिट होता।" नुशरत भरूचा, छलांग की मुख्य अभिनेत्री भी अपनी समान भावनायें साझा कर रही हैं। वो बताती हैं कि उन्हें स्कूल के दिनों में खेलना पसंद नहीं था और धूप में बाहर खेलने से उन्हें सख्त नफरत थी। प्यार का पंचनामा की अभिनेत्री एक संकोचपूर्ण कहानी साझा करती हैं। उन्होनें कहा, "स्पोर्टस की हर क्रिया में मैं हमेशा एक कोने में बैठी रहती थी और ऐसा ढ़ोंग करती थी कि मेरी तबीयत ठीक नहीं क्योंकि हमारे अध्यापक हमें चुभती हुई गर्मी में बाहर खेलने को कहते थे और मुझे ये बिल्कुल भी पसंद नहीं था मुझे याद एक बार एक अध्यापक ने मुझे एक दौड़ में भाग लेने को कहा और बदले में मेक डोनाल्ड में ट्रीट देने का वादा भी किया। इसलिये ये एक ही दौड़ थी जिसमें मैने भाग लिया इस बारे में बताते हुए मुझे शर्म आती है क्योंकि ये दौड़ एक सुई धागा दौड थी। मुझे दूसरे अंत तक भागना था जहाँ पर पहले से दूरारा व्यक्ति एक सूई और धागा हाथ में लेकर खड़ा हुआ था। उस राई में धागा पिरोकर मुझे वापस भाग कर आना था। सबसे मजेदार बात थी कि इसमें भी मैं प्रथम नहीं आ सकी, मुझे दूसरा ही स्थान प्राप्त हुआ। राजकुमार राव दूसरी तरफ काफी अलग बात कह रहे हैं । उन्हें बचपन से खेल बहुत पसंद थे और बाहर जाकर खेलने का कभी कोई भी मौका उन्होंने गँवाया नहीं। अभिनेता चुटकी लेते हुए बताते हैं, "मेरे पी.टी अध्यापकों के साथ बहुत अधिक घनिष्ठता थी क्योंकि मैं खेलों में बहुत अच्छा था और हमेशा ही अलग-अलग खेलों में भाग लेता था। मेरे अध्यापक मेरा सदा ध्यान रखते थे और उन्होंने हमेशा मुझे अधिक मेहनत करने के लिये और उच्च चीज़ों की प्राप्ति को लक्ष्य बनाने हेतु प्रेरित किया।" हंसल मेहता द्वारा निर्मित यह फिल्म छलांग लव फिल्मस प्रोडक्शन की है जिसे गुलशन कुमार एवं भूषण कुमार ने प्रस्तुत किया है अजय देवगन, लव रंजन और अंगुर गर्ग द्वारा निर्मित इस फिल्म में बहुमुखी प्रतिभावान राजकुमार राव और नशरत भरूचा मुख्य भूमिकाओं में है और इनके साथ सौरभ शुक्ला, सतीश कौशिक, जिशान आयूब, इला अरूण और जतिन सारना अहम किरदार निभा रहे हैं। फिल्म छलांग 13 नवंबर को इस दिवाली पर अमेज़न प्राईम पर द ग्रेट इंडियन फेस्टिवल के त्यौहार विशेष के रूप में रिलीज हो रही है। भारत के और 200 देशों एवं प्रदेशों में प्राईम सदस्य इसके वैश्विक प्रीमीयर को विशेष रूप से अमेज़न प्राईम विडियो पर स्ट्रीम कर सकते हैं। कंगना की बढ़ी उलझने, अब इस गीतकार ने किया मुकदमा दर्ज एक बार फिर इस फिल्म में साथ नज़र आएँगे अक्षय और कृति सैनॉन कंगना को आई मुंबई की याद, ट्रोलर्स बोले- 'तुमको तो POK...'