इन 7 चीजों के बिना पूरी नहीं होती छठ पूजा

आज छठ पूजा का तीसरा दिन है। छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ हुई थी और कल दूसरा दिन यानी खरना था। अब आज यानी बुधवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आप सभी को बता दें कि आने वाले गुरुवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। जी दरअसल षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाता है और पर्व का समापन सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय अर्घ्य के साथ होता है। आप सभी जानते ही होंगे छठ मैय्या को सूर्य देव की मानस बहन माना गया है, इस वजह से छठ के अवसर पर छठ मैय्या के साथ भगवान भास्‍कर की अराधना पूरी निष्‍ठा व परंपरा के साथ की जाती है। यह पर्व बहुत खास होता है और यह बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में पूरी आस्‍था व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। अब आज हम आपको कुछ पूजा सामग्री बताने जा रहे हैं जिनके बिना पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। आइए जानते हैं।

होती हैं 7 विशेष चीजें-

1- छठ की पूजा में बांस की टोकरी का विशेष महत्‍व होता है। कहा जाता है बांस शुद्ध होता है और इसमें पूजा की सभी सामग्री को रखकर अर्घ्‍य देने के लिए पूजा स्‍थल तक लेकर जाते हैं।

2- आपको बता दें कि छठ में ठेकुए का प्रसाद सबसे महत्‍वपूर्ण माना जाता है। जी दरअसल गुड़ और आटे से मिलाकर ठेकुआ बनता है। 

3- आपको बता दें कि छठ की पूजा में गन्‍ने का भी विशेष महत्‍व माना जाता है। जी दरअसल अर्घ्‍य देते वक्‍त पूजा की सामग्री में गन्‍ने का होना सबसे जरूरी समझा जाता है।

4- छठी माई की पूजा करने में केले का पूरा गुच्‍छ मां को अर्पित किया जाता है। 

5- छठ के दौरान अर्घ्‍य देने के लिए जुटाई गई सामग्रियों में पानी वाला नारियल भी महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इसका भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं।

6- छठ के दौरान खट्टे के तौर पर छठ मैय्या को डाभ नींबू भी अर्पित किया जाता है। यह नींबू अंदर से लाल और ऊपर से पीला होता है।

7- छठ पूजा में चावल के लड्डू (जो एक खास प्रकार के चावल से बनाए जाते हैं) चढ़ाना जरुरी होता है।

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