छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने सरकार को तब्लीगी जमात के 52 लापता सदस्यों की खोज के लिए सघन जांच अभियान चलाने के लिए कहा है. कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के बीच छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में गुरुवार को सुनवाई शुरु हुई. उच्च न्यायालय में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की गई. इसके अलावा महाधिवक्ता कार्यालय से प्रेषित अधिकृत जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा और न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की खंडपीठ ने उन पांच मामलों की सुनवाई की जो जनहित याचिका के रुप में प्रस्तुत किए गए थे. सभी मामले कोरोना वायरस से संबंधित हैं. एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में फैला कोरोना, यहाँ भी संक्रमित पाए गए जमाती आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राज्य की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने सहयोगी चंद्रेश श्रीवास्तव और हरप्रीत अहलूवालिया के साथ तथा याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने निवास से इन प्रकरणों पर पक्ष प्रस्तुत किया. पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामले की सुनवाई की.पांच जनहित याचिकाओं में लॉकडॉउन की वजह, नागरिक अधिकार और संक्रमण से सुरक्षा व्यवस्था के मामले शामिल थे. उच्च न्यायालय को राज्य की ओर से जानकारी दी गई कि नागरिकों को खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है. जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिले हैं, उन्हें भी राशन दिया जा रहा है. जेईई मेन के आवेदनकर्ता को मिला सुनहरा मौका, जानें कैसे अगर आपको नही पता तो बात दे कि नागरिकों को लगातार सुरक्षा के लिए मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. लॉकडाउन में शराब दुकानें बंद रहे, इसके लिए दायर याचिका के जवाब में उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को राज्य से स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. वही, एक जनहित याचिका बिलासपुर में पुलिस द्वारा मारपीट को लेकर दायर की गई थी जिस पर राज्य ने जवाब में स्पष्ट किया है कि इस मामले में पीड़ित ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन पुलिस अधीक्षक ने आरोपी बताए अधिकारी को लाइन हाजिर कर विभागीय जांच शुरु कर दी है. तब्लीग़ी जमात पर सरकार का बड़ा एक्शन, 18 लोगों पर FIR दर्ज कोरोना पर मंथन, देश के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ डॉ हर्षवर्धन की बैठक आज इस शहर में सार्वजनिक स्थानों में थूकने पर लगी रोक, अगर किया उल्लंघन तो होगी कड़ी कार्रवाई