छत्तीसगढ़ चुनाव: राज्य के गठन के बाद पहली बार होने जा रहा है ऐसा

रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने के बाद अब कांग्रेस का राज्यसभा में भी वर्चस्व बढ़ेगा. राज्य में राज्यसभा की पांच सीट में से तीन सीट हमेशा भाजपा के पाले में रहती थी, अब संख्या बल के आधार पर चार सीट कांग्रेस के हाथ में आ जाएगी. यही नहीं, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायकों का समर्थन मिलने की स्थिति में पांच की पांचों राज्यसभा सीट कांग्रेस के पाले में जा सकती है.

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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि कांग्रेस के चार से पांच राज्यसभा सदस्य चुने जाएंगे. प्रदेश में राज्यसभा सदस्य मोतीलाल वोरा व भाजपा के रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल भी पूर्ण हो रहा है, ऐसे में अब राज्यसभा के लिए लाबिंग भी शुरू होने वाली है.

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विधानसभा सचिवालय के आला अधिकारियों ने कहा कि राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर राज्य में दो-दो सीट का चुनाव एक साथ ही होता आया है. एक सीट के लिए 45 विधायकों के वोट की जरूरत होती है, संख्या बल के आधार पर भाजपा के पास मात्र 15 विधायक हैं. ऐसे में पहली प्राथमिकता और दूसरी वरियता के वोट को जोड़ने पर भी भाजपा राज्यसभा सदस्य बनाने की स्थिति में नहीं हैं. अभी भाजपा से राज्यसभा में सरोज पांडेय, रामविचार नेताम और रणविजय सिंह जूदेव के नाम हैं. वहीं कांग्रेस से मोतीलाल वोरा और छाया वर्मा है. मोतीलाल वोरा और रणविजय सिंह जूदेव का कार्यकाल पूरा होने को है, ऐसे में दो सीट के लिए दावेदारों ने जोर खींचतान शुरू कर दी है.

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