रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला देते हुए POCSO कानून के तहत आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. गत वर्ष दोषी ने तीन वर्षीय बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी, जिसके बाद वहां पर जमकर हंगामा हुआ और लोगों ने आरोपी को मौत की सजा देने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. राजनांदगांव जिला न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शैलेष शर्मा ने POCSO कानून के तहत आरोपी को सजा-ए-मौत सुनाई है. जिले की चिखली पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव कांकेतरा में गत वर्ष 22 अगस्त को साढे़ तीन वर्षीय मासूम बच्ची को चॉकलेट का लालच देकर उसे अपने घर बुलाने के बाद उसके साथ बलात्कार किया. इस दौरान बच्ची की चीख-पुकार बंद करने के लिए आरोपी ने तकिए से उसका मुंह दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस ने गांव के ही 25 साल के आरोपी शेखर कोर्राम को अरेस्ट किया था. इसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलता रहा. बच्ची और उसके परिवार के पक्ष में शहर में रैलियां भी निकली और आरोपी को तत्काल फांसी देने की मांग की गई. कोरोना काल के कारण कोर्ट बंद रहने के चलते मामले की सुनवाई में कुछ बाधाएं भी आईं. इसके बाद भी फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश शैलेष शर्मा ने त्वरित न्याय करते हुए तक़रीबन 1 साल में ही आरोपी को फांसी की सजा सुना दी. अफ़ग़ानिस्तान में 'आतंक राज' के बाद काबुल में लैंड हुआ पहला यात्री विमान 'नेशनल मीट फ्री डे' घोषित हो गांधी जयंती, PETA ने पीएम मोदी को लिखा पत्र नेशनल लेवल के शूटर नमानवीर सिंह बरार की संदिग्ध मौत, शरीर पर गोली के निशान मौजूद