छत्तीसगढ में इन दिनों पशु प्रेमियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. वैसे भी बहुत से लोग होते हैं जो पशु प्रेमी होते हैं. लेकिन बता दें, छत्तीसगढ़ के पशु प्रेमी इन दिनों एक वनभैंसा को लेकर खुश हैं, क्योंकि यह वनभैंसा मां बनने वाली है. इसी कारण सभी गाँव वाले काफी खुश हैं और इस बात पर उत्साह मनाए रहे हैं. यही वजह है कि हर तरफ लोग इस वनभैंसा के बारे में ही चर्चा कर रहे हैं. इस वनभैंसा का नाम खुशी है और पूरे वन अमले के लोग इन दिनों खुशी की देखरेख में जुटे हैं. जानिए आगे का मामला. अमले के मुताबिक इस माह के अंत तक या फिर अगस्त के पहले सप्ताह में खुशी बच्चे को जन्म दे सकती है. इसी दौरान ख़ुशी की खास देखरेख की जा रही है. इसके अलावा डॉक्टर्स भी खुशी का चेकअप के लिए आते रहते हैं. खुशी को किसी तरह की दिक्कत न हो इसलिए हर समय कोई न कोई खुशी के आस-पास रहता है. खुशी के मां बनने को लेकर वन विभाग काफी उत्साहित है और खुशी को स्पेशल देखरेख में रखा गया है. बता दें, वनभैंसा छत्तीसगढ का राष्ट्रीय पशु है जिसकी प्रजाति लुप्त होने की कगार पर है. उदंती अभयारण्य में महज 8 वनभैंसा बचे हुए हैं और उनमें से भी मादा वनभैंसा की संख्या दो है. एक आशा और दूसरी खुशी. आशा अब बुजुर्ग हो चुकी है और वह प्रजनन योग्य नही है, उसकी बेटी खुशी ही अब अपने वंशज को आगे बढा सकती है. इसके बच्चे के बाद हो सकता है इनकी संख्या आगे चलकर और भी बढ़ जाए. फिलहाल खुशी को उदंती अभयारण्य के बाड़े में रखा गया है. जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा उसकी नियमित जांच हो रही है. 42 लाख साल पहले सिर्फ 1 किलोग्राम के होते बंदर, यहां मिले जीवाश्म जब दूकान से निकले 15 कोबरा, लोगों के के उड़े होश