कोलकाता। पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यदि वे वित्तमंत्री होते तो फिर अप्रत्यक्ष कर में कटौती कर देता। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना अभी भी करना पड़ रहा है। यदि सरकार लोगों को राहत देना चाहती है तो फिर अप्रत्यक्ष कर की दर में कमी होना चाहिए। इस मामले में केंद्रीय वित्तमंत्री चिदंबरम ने कहा कि कर की कटौती हेतु अप्रत्यक्ष कर सही माध्यम है। मिली जानकारी के अनुसार सेवाकर, उत्पादकर व सीमा शुल्क में कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि अप्रत्यक्ष कर में कटौती की जाती है तो फिर कई लोगों को लाभ मिल सकता है। मगर उन्होंने यह कहा कि नोटबंदी ने देश के आर्थिक विकास को बहुत प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 3 प्रतिशत से कम होना चाहिए। उन्होंने राजकोषीय स्थिरता पर भी जोर दिया। प्रियंका ने अखिलेश को याद दिलाया अपना वादा, रायबरेली-अमेठी की सीटें मांगी Mi 6 के लिए करना पड़ सकता है और इंतज़ार, MWC में शामिल नहीं होगी शाओमी कांग्रेस को बड़ा झटका : पूर्व कर्नाटक सीएम और केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा ने छोड़ा कांग्रेस का साथ