चेन्नईः मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के आदेश के विरोध में पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्य न्यायाधीश विजया के. ताहिलरमानी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मेघालय उच्च न्यायालय ट्रांसफर कर दिया था। उन्होंने कॉलेजियम से आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। जिसे ठुकरा दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ताहिलरमानी ने शुक्रवार रात राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अपना इस्तीफा दिया और भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को इसकी एक प्रति भी भेजी। जस्टिस गोगोई के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने ताहिलरमानी को मेघालय उच्च न्यायालय स्थानांतरित किए जाने की सिफारिश की थी। उन्हें पिछले साल आठ अगस्त को ही मद्रास उच्च न्यायालय का चीफ जस्टिस बनाया गया था। कॉलेजियम ने 28 अगस्त को उनका तबादला करने की सिफारिश की थी। इसके बाद न्यायमूर्ति ताहिलरमानी ने उनके तबादले के प्रस्ताव पर फिर से विचार करने के लिये कॉलेजियम को एक प्रतिवेदन दिया था। उन्होंने कॉलेजियम के फैसले का विरोध भी किया था। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में न्यायमूर्ति एस. ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. एफ नरीमन शामिल थे। कॉलेजियम ने मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ए के मित्तल का तबादला मद्रास उच्च न्यायालय करने की सिफारिश भी की थी। जस्टिस ताहिलरमानी को 26 जून 2001 को बंबई उच्च न्यायालय का न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया था। बंबई उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर काम करते हुये न्यायमूर्ति ताहिलरमानी ने मई, 2017 में बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में सभी 11 व्यक्तियों की दोषसिद्धि और उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा था। अयोध्या मामले के लाइव प्रसारण पर विचार करेगी सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केरल हाईकोर्ट को लगाई फटकार अयोध्या केस : याचिका में सुनवाई रद्द होने की बात, CJI बोलें- ये आप क्‍या मांग रहे हैं ?