उत्तराखंड : देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कान पकड़कर माफी मांगी है माफी मिली या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जिस तरह से अचानक मुख्यमंत्री ने यह कार्य किया है तो कुछ लोग इसे धार्मिक आस्था बता रहे हैं तो वही विपक्षियों का कहना है कि आने वाले समय में चुनाव मैं फायदे के लिए उन्होंने ऐसा कार्य किया है. जी हां यह सच है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने माता धारी देवी से माफी मांगी है. कान पकड़कर माफी मांगते हुए उन्होंने उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा की गई उस भूल पर माफी मांगी है. जिसके अंतर्गत श्रीनगर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से माता की मूर्ति को अपने स्थान से हटाना पड़ा था. ज्ञात हो कि श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की ऊंचाई 100 मीटर पढ़ाई की थी जिस कारण माता का मूल स्थान डूब गया था. माता की शक्ति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है इनके बारे में कहा जाता है वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई भीषण आपदा के पीछे भी माता का मंदिर हटाना ही मुख्य कारण था, क्योंकि एक प्राचीन जानकारी के मुताबिक काफी समय पहले इस इलाके में बाढ़ और आपदाओं से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया था तब उनसे रक्षा के लिए माता धारी देवी की स्थापना की गई थी जो उस वक्त के एक शक्तिशाली राजा ने विधि विधान से की थी. यहां के बुजुर्ग बताते हैं की जब-जब धारी देवी का मंदिर हटाने का प्रयास हुआ था तब तब आपदाओं ने जन जीवन को प्रभावित किया है इसका अर्थ यह हुआ की माता उत्तराखंड राज्य की रक्षा कर रही थी. वरना यह कैसे हो सकता है की मंदिर को मूल स्थान से हटाने के मात्र 1 दिन बाद ही केदारनाथ में हजारों लोग काल के गाल में समा गए सब कुछ तहस-नहस हो गया. गढ़वाल से 15 किलोमीटर दूर स्थित माता धारी देवी मंदिर शक्तिपीठ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा की गई इसी भूल के लिए कान पकड़कर माफी मांगी है. इस समय वह काफी भावुक हो गए थे उन्होंने कहा कि जो भी हुआ वह एक बहुत बड़ी भूल थी. उसके लिए मैं माफी मांगता हूं उनके साथ कई विशिष्ट व्यक्तियों के अलावा देवप्रयाग विधानसभा से विधायक एवं उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी भी मौजूद थे. सभी ने माता से प्रार्थना करके आशीर्वाद मांगा की उत्तराखंड में सुख शांति और खुशहाली लाएं.