लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज सोमवार (20 फ़रवरी) से आरंभ हो गया है। पहले ही दिन समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल (सपा-रालोद) और अन्‍य विपक्षी पार्टियों के सदस्‍यों ने सरकार को घेरने के लिए जमकर हंगामा किया। सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने किसान, नौजवान और व्‍यापार के मुद्दे पर सरकार को निशाने परे लेते हुए जातीय जनगणना को लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ पर तंज कसते हुए उन्‍हें बाहरी बता डाला। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा हमेशा से जातिगत जनगणना के पक्ष में रही है। राज्य की जनता जनगणना चाहती है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्‍यमंत्री जी दूसरे प्रदेश से आए हैं। उनको यहां जातिगत जनगणना से कोई मतलब नहीं है। उन्‍होंने कहा कि आप सबका साथ, सबका विकास की बात करते हो, जब आपको ये पता ही नहीं रहेगा कि कौन कितनी तादाद में है, तो उसे उसका हक आप कैसे दोगे।' यही नहीं, अखिलेश ने यूपी इन्‍वेस्‍टर्स समिट को लेकर भी सवाल उठाए। उन्‍होंने कहा कि जो लोग इन्‍वेस्‍टर्स समिट के दौरान लगे पौधे नहीं बचा पा रहे, वे निवेश कहां से लाएंगे। अखिलेश ने आगे कहा कि आप अभी सड़कों पर जाकर देखिए। सब पौधे सूख रहे हैं। सरकार ने किसान, नौजवान, व्‍यापारी सबको तबाह कर दिया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जातिगत जनगणना की अखिलेश यादव की मांग को जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश बताया है। मौर्या ने कहा है कि जातीय जनगणना की बात सिर्फ सपा का ढोंग है। अखिलेश यादव जब सरकार में थे, तब मौनी बाबा बने हुए थे। पहले अखिलेश अपनी ख़त्म हो रही सपा को बचाने के लिए अध्यक्ष पद किसी और को सौंप दें और जातिगत न्याय की शुरुआत संगठन से करें। नाम गया, पहचान गई और अब दफ्तर भी.., कांग्रेस से हाथ मिलाकर अलग-थलग पड़े उद्धव ठाकरे 'CM बनने के लिए शरद पवार के पैरों में गिर गए थे..' उद्धव ठाकरे पर अमित शाह का तंज नागालैंड में चुनाव से एन पहले भड़की हिंसा, लोजपा और NPP के समर्थकों में हुआ खुनी संघर्ष