पंजाब: मुख्य सचिव से जुड़ा विवाद थमा, पद से नहीं हटाना चाहते सीएम अमरिंदर सिंह

भारत के राज्य पंजाब के मुख्य सचिव और कैबिनेट मंत्रियों के बीच बहस को लेकर छिड़ा विवाद अब ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने आवास पर नाराज नेताओं को लंच पर बुलाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य सचिव अच्छा काम कर रहे हैं और उनके खिलाफ कोई शिकायत भी नहीं मिली है. वहीं, सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी करते रहे नाराज मंत्री और विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से केवल इतना ही कहा कि वे इस मामले को जल्द सुलझाएं.

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इस मामले को लेकर सूत्रों का कहना है कि लंच कार्यक्रम में उपस्थित किसी भी नेता ने मुख्यमंत्री से यह मांग नहीं की कि वे मुख्य सचिव को हटा दें. बल्कि सभी नेताओं ने यह चिंता जताई कि अफसर उनकी बात नहीं सुनते, इसलिए उन पर एक्शन लेना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने अफसरों पर सख्ती का भरोसा भी दिलाया और नेताओं को सार्वजनिक बयानबाजी के परहेज करने की हिदायत भी दी. हालांकि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव पर आरोपों को लेकर कोई गंभीरता न दिखाते हुए इस मामले को मनप्रीत बादल के लौटने तक टालने के संकेत भी दे दिए.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लंच कार्यक्रम में मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और विधायक राजा वड़िंग ही दो ऐसे व्यक्ति मौजूद थे, जो मुख्य सचिव को हटाने की सार्वजनिक तौर पर मांग उठाते रहे हैं. लेकिन जो मंत्री (मनप्रीत बादल और चरनजीत चन्नी) इस मामले के मुख्य पात्र हैं, की गैरमौजूदगी के कारण मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांग जोरदार तरीके से नहीं रख सके. मनप्रीत बादल इस समय अपने पिता के निधन की दुखद परिस्थितियों में उलझे हुए हैं और चरनजीत चन्नी का सारा ध्यान तृप्त बाजवा से हुए झगड़े की ओर मुड़ गया है. वहीं मुख्य सचिव पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं.

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