रायसेन. बाल मजदूरी का एक मामला सामने आया है. मध्यप्रदेश के बेगमगंज क्षेत्र में बीते महीने दो मासूम बच्चे लावारिस हालत में मिले. डरे-सहमे इन बच्चो की उम्र क्रमशः 11 और 8 साल के है. 15 दिन काउंसलिंग करने के बाद पता चला कि इन मासूमो को राजस्थान से बाल मजदूरी के लिए लाया गया था. जब कई दिनों तक ठेकेदार की तरफ से खाना नहीं मिला तो भूखे-प्यासे बच्चे चंगुल से भाग गए. इन बच्चों को काम के लिए बेचने में उनके परिजनों का भी हाथ था, इसलिए बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया गया है. बता दे कि घरेलू एवं व्यावसायिक कामकाज, मजदूरी व भीख मांगने में बच्चो का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. दो बच्चो को राजस्थान के उदयपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रो से यह लाया गया था. जब कई दिनों तक बच्चों को काम कराने के बाद खाना नहीं दिया गया तो वह अवसर मिलते ही भाग गए. 19 अप्रैल को महुआखेड़ा के जंगल में जब एक चरवाहे ने लावारिस हालत में देखा तो उनसे पूछताछ की तब बच्चो ने अपनी आप बीती सुनाई. ये भी पढ़े जब अचानक ही पूछ लिया 'क्या तुम मेरे बच्चे की माँ बनोगी' आत्महत्या का विचार कभी दिल में न लाएं Mother's Day Special - आजकल के यूथ को यहीं नहीं पता है की आज मदर्स डे है (VIDEO)