पणजी: गोवा में बॉम्बे उच्च न्यायालय की बेंच ने बुधवार को राज्य सरकार के एक सर्कुलर को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. इस सर्कुलर में कहा गया था कि वर्ष 2021-22 शैक्षणिक वर्ष में प्री-प्राइमरी स्कूल में प्रवेश के लिए 31 मई को बच्चा कम से कम तीन वर्ष का होना चाहिए. हाई कोर्ट में एक मां ने याचिका दाखिल करते हुए अपने बच्चे के एडमिशन का मुद्दा उठाया था, जिस पर अदालत ने राहत देने से इनकार कर दिया. मां का कहना था कि उनके बच्चे को जनवरी में आरंभ हुई प्रवेश प्रक्रिया के बाद एडमिट कराया गया था, किन्तु बाद में गवर्नमेंट सर्कुलर के बाद वो कैंसिल हो गया. मां ने कहा कि वह पहले ही फीस चुका चुकी हैं. उनके वकील ने दलील दी कि शैक्षणिक वर्ष शुरू होने से पहले सरकार द्वारा सर्कुलर बहुत पहले जारी कर दिया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सीएम ने एक बयान दिया कि नई शिक्षा नीति अगले शैक्षणिक वर्ष (2022-2023) से लागू कर दी जाएगी, जब वह दो दिवसीय संगोष्ठी में भाषण दे रहे थे. उन्होंने कोर्ट को 12 अगस्त के बयान का एक समाचार अंश भी सौंपा. कोर्ट से कहा गया था कि बयान सीएम ने दिया था कि न कि किसी चपरासी या निचले स्तर के क्लर्क ने. इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और बच्चे को (प्रवेश करने के लिए) इजाजत दी जानी चाहिए. वकील ने यह भी तर्क रखा कि NEP के सिर्फ इसी एक पहलू को क्यों लागू किया जा रहा है. काबुल से भारतीय और नेपाली लोगों को लेकर जल्द दिल्ली पहुंचेगी आईएएफ Fact Check: इंटरनेशनल कोर्ट के चीफ जस्टिस बने भारत के जज 'दलवीर भंडारी' ? तेलंगाना मान्यता प्राप्त स्कूल प्रबंधन संघ और राष्ट्रीय स्वतंत्र स्कूल गठबंधन ने स्कूलों के लिए मांगी सहायता