नई दिल्ली. भारत में 14 नवंबर का दिन हर बच्चे के लिए बेहद ख़ास होता है. इस दिन को पुरे देश भर में चिल्ड्रन्स डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन देश भर के विद्यालयों और अन्य कई जगहों पर भी बच्चो के लिए ख़ास कार्यक्रम होते है और उनके मौज मस्ती करने की व्यवस्था भी की जाती है. लेकिन क्या इस दिन सिर्फ बच्चों को ही खुशियां मानाने का अधिकार है. क्या हम बड़े इस अवसर पर रोजमर्रा की भागदौड़ को भुला कर बचपन की यादों में खो नहीं सकते. आइये इस अवसर पर हम आपको एक ऐसी नज्म सुनते है जिसे सुनाने वाला और सुनाने वाला दोनों ही अपने बचपन की यादो में खो जाता है. इस चिल्ड्रन्स डे के अवसर पर आप भी अपने मित्रों और परिजनों को यह सुदर्शन फ़ाकिर की यह नज्म सुना कर उनका दिल जीत सकते है. ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी महाराष्ट्र में हुए सड़क हादसे में पांच लोगों की हुई दर्दनाक मौत मुहल्ले की सबसे निशानी पुरानी वो बुढ़िया जिसे बच्चे कहते थे नानी वो नानी की बातों में परियों का डेरा वो चहरे की झुरिर्यों में सदियों का फेरा भुलाये नहीं भूल सकता है कोई वो छोटी सी रातें वो लम्बी कहानी कड़ी धूप में अपने घर से निकलना वो चिड़िया वो बुलबुल वो तितली पकड़ना वो गुड़िया की शादी में लड़ना झगड़ना वो झूलों से गिरना वो गिर के सम्भलना वो पीतल के छल्लों के प्यारे से तोहफ़े वो टूटी हुई चूड़ियों की निशानी ये किसके बच्चे संभालती हुई नजर आ रही हैं किम कार्दशियन कभी रेत के ऊँचे टीलों पे जाना घरोंदे बनाना बना के मिटाना वो मासूम चाहत की तस्वीर अपनी वो ख़्वाबों खिलौनों की जागीर अपनी न दुनिया का ग़म था न रिश्तों के बंधन बड़ी खूबसूरत थी वो ज़िंदगानी यह भी पढ़े Children's Day 2018 : पहले 20 नवबंर को मनाया जाता था बाल दिवस, इस वजह से बदली तारीख Children's Day 2018 : इन कविताओं के बिना अधूरा है बाल दिवस का उत्सव Childrens Day 2018 : इन प्यारभरे SMS के जरिए बच्चों को दें बाल दिवस की शुभकामनाएं Children's Day 2018 : इन कविताओं के बिना अधूरा है बाल दिवस का उत्सव शापित माना जाता है इस गांव को, जहां हर बच्चा होता है अजीब